Friday, February 1, 2008

ब्लॉगर सहेलियों से कुछ सवालःदो

...........वह कौन-सी जगह या घर है जहां नारियों की पूजा होती है और वहां देवता रमते हैं(यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता)?
...........दहेज लड़की वाले को देना चाहिए या लड़के वाले को? या दोनों में से किसी को नहीं?? या किसी एक को क्यों देना चाहिए?
...........क्या स्त्रियों की सबसे बड़ी नौकरी विवाह है?क्या इस नौकरी के लिए उन्हें अपने सारे पुराने रिश्ते तोड़ने पड़ते हैं?
............विवाह संस्था यदि जरूरी है तो उसकी रक्षा और पवित्रता का ठेका अकेले स्त्रियों को ही क्यों दिया जाना चाहिए?
............क्या पुरुषों के समान स्त्रियों का भी शिक्षा जन्म सिद्ध अधिकार नहीं होना चाहिए? क्या पुरुष स्त्री को उतनी ही शिक्षा देता है, जितना उसके स्वार्थ में बाधक न हो?
...........जब धर्म सबके लिए समान है तो जो धर्म नारियों के लिए है, वह धर्म पुरुषों के लिए भी क्यों अनिवार्य नहीं होना चाहिए?
............क्या यह बात सही है कि एक औरत की सबसे बड़ी दुश्मन औरत होती है, क्या ऐसा स्त्रियों के अल्प शिक्षित होने से होता है?
............क्या प्रेम एक भावना है जो दो दिलों को जोड़ता है, भाषा, जाति, धर्म और समुदाय जैसी सीमा रेखाओं से परे होता है?
.............क्या प्रेम सिर्फ देहजीवी अथवा कर्मकांडी पाखंडों का नाम है या मनुष्यता सर्वोच्च भावनात्मक स्थिति का नाम है?
............भूमंडलीकरण के इस दौर में मीडिया स्त्री को क्यों बाजार की पण्य वस्तु की तरह स्थापित कर रहा है, क्या इसका जोरदार विरोद नहीं होना चाहिए?

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