Sunday, January 20, 2008

फखत कुछ अल्फाज पहली-पहली बार

.......यदि यह कविता
बन सकी एक थकी हुई
मगर अजेय स्री की पहचान
तो यह कविता रहेगी
असमाप्त।
और
यह दुनिया जब तक रहेगी
चैन से नहीं रहेगी.........

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