Wednesday, March 17, 2010

सांसद डी राजा केंद्र सरकार पर बरसे



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देश में महंगाई को सबसे ‘ज्वलंत’ मुद्दा बताते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि स्थिति का पता होने के बावजूद वह कार्रवाई नहीं करना चाहती। भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि देश में आज महंगाई सबसे ज्वलंत मुद्दा है। लोग सोचते हैं कि सरकार महंगाई की समस्या का हल करने के तरीके तलाशने के लिहाज से अंधेरे में है, लेकिन यह बात सही नहीं है। जो लोग सत्ता में हैं, उन्हें पता है कि देश में क्या हो रहा है लेकिन वे कार्रवाई नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि के बोझ से दबी जनता की भावना को समझने की जरूरत है क्योंकि उसकी नाराजगी अब निराशा में बदलने लगी है। डी. राजा ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में थोक बिक्री मूल्य इन्डेक्स और उपभोक्ता मूल्य इंडेक्स के बीच खाई की बात स्वीकारी गयी है। समीक्षा जीडीपी विकास दर के 7.2 प्रतिशत तक रहने की बात करती है, तो वह (सरकार) जीडीपी दर हासिल करके खुश है लेकिन वह जनता की तकलीफ को लेकर चिन्तित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था और नव उदारवाद के नाम पर यह सरकार अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने में विफल रही है। उल्लेखनीय है कि खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के खिलाफ वाम दलों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विगत शुक्रवार को राजधानी में प्रदर्शन किया था। इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दी थी, जहां वाम दलों के सांसद इस मसले पर दोनों सदनों से वाकआउट कर गए थे। लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसदों ने भी उनके साथ वाकआउट किया था, जबकि भाजपा, राजद, बसपा व बीजद ने उनका समर्थन किया था। उनकी मांग थी कि सरकार महंगाई पर श्वेत-पत्र जारी करे।



पूर्व सांसद-अभिनेता धर्मेंद्र अस्पताल में


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राजस्थान
से भाजपा के सांसद रह चुके मशहूर फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र कुमार को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में वह चंडीगढ़ पहुंचे थे कि तबीयत खराब हो गई। बताया जाता है कि उम्रदराज नेता-अभिनेता (वीरू) को शारीरिक कमजोरी के कारण हास्पिटलाइज कराना पड़ा है। उन्हें कल रात भर्ती कराया गया। फिलहाल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक की उनकी देखभाल कर रहे हैं। बीच-बीच में उनके स्वास्थ्य की जांच भी चल रही है। उम्मीद जताई गई है कि उन्हें आज ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। की पीजीआईएमईआर में आये। उन्हें निगरानी में रखा गया है और डॉक्टरों का एक दल जांच कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि धमेर्ंद्र की हालत अब बेहतर है और आज शाम तक उन्हें छुट्टी दी जा सकती है।

भाजपा ने कहाः नहीं, हरगिज नहीं!



बजट पर कटौती प्रस्ताव लाने पर अडिग (sansadji.com)

संसद में संख्या बल से जूझ रही सरकार को घेरने कीकवायद में भाजपा ने आज ऐलान किया कि वह बजट परकटौती प्रस्तावपेश करेगी और परमाणु दायित्व विधेयकके मौजूदा स्वरूप को हरगिज मंजूरी नहीं देगी। भाजपा कीवरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराजका कहना है कि अन्य दलों द्वारा लाये गये कटौती प्रस्तावों का समर्थन क्यों, हम तो स्वयं कटौती प्रस्ताव लाएंगे।हम दोहराते हैं कि हम स्वयं कटौती प्रस्ताव लाएंगे। मीडिया ने उनसे पूछा था कि सरकार की घेराबंदी की कवायदके तहत बजट सत्र के दूसरे चरण में विरोधी दलों द्वारा लाये जाने वाले कटौती प्रस्तावों का क्या भाजपा समर्थनकरेगी? उन्होंने कहा कि यह कहा जा रहा था कि महिला विधेयक के बहाने सरकार विपक्ष की एकता तोड़ने मेंकामयाब हो गयी है लेकिन इस विधेयक के फौरन बाद संसद में ही हमने दिखा दिया कि यह सचाई नहीं है। विपक्षपूरी तरह एकजुट है। यह अलग बात है कि महिला विधेयक पर उसमें एक राय नहीं है।

Tuesday, March 16, 2010

बड़बोलेपन में सांसद सत्यव्रत का फिर पद छिना



(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

उत्तराखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी को पार्टीमहासचिव पद से हटा दिया गया है। उन्हें राकांपा प्रमुख एवं केंद्रीयकृषि मंत्री शरद पवार के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणी करने केआरोप में पदमुक्ता किया जाना बताया जाता है। इससे पहले भीसत्यव्रत चतुर्वेदी ने पिछले महीने हुई कांग्रेस कार्यसमितिसीडब्ल्यूसी) की बैठक में महँगाई के मुद्दे पर पवार पर परोक्ष रूप सेतीखे प्रहार किए थे। उस समय पवार पर टिप्पणी करने वालों मेंकेन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और पार्टी के वरिष्ठ नेता आरके धवनका भी नाम आया था। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बैठक में पवार का नाम नहींलिया, लेकिन यह स्पष्ट संदेश दिया कि कृषि तथा अन्य संबंधितमंत्रालयों को ठीक ढंग से संभाला नहीं जा रहा है। सपा अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव की भी श्री चतुर्वेदी से पुरानीनाराजी बताई जाती है। मुलायम ने पिछले साल कांग्रेस-सपा की नजदीकियों में सत्यव्रत को विघ्नसंतोषी करारदेते हुए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गाँधी और प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा थाकि सत्यव्रत चतुर्वेदी के बयानों और आरोपों से ऐसा लगता है कि वे सपा से गठजोड़ जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं।मेरे खिलाफ कांग्रेस के कुछ नेता लगातार अखबारों में खबरें छपवा रहे हैं। मुझ पर तरह-तरह के आरोप लगाए जारहे हैं। कह रहे हैं कि मैं उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने की कोशिश कर रहा हूँ।
कांग्रेस में फेरबदल शुरू हो गया है। तभी सत्यव्रत को प्रवक्ताओं के पैनल से इसलिए हटा दिया गया था कि सपामहासचिव अमरसिंह को लेकर उनके बयान से प्रधानमंत्री मनमोहन बेहद खफा हो गए थे। कुछ माह पहले चतुर्वेदीने जब अमर को अपना इलाज कराने वाला बयान दिया था तब खुद अमर ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से की थी।उन्होंने सत्यव्रत को सहयोगी दलों के नेताओं पर ऐसी टिप्पणियाँ करने की सलाह दी थी लेकिन सत्यव्रत नेफिर ऐसा ही बयान दे दिया। सपा नेता फिर भड़क उठे। अमर ने मनमोहन सोनिया से आपत्ति दर्ज कराई। अबएक बार फिर अपने बयान के चलते ही सत्यव्रत को पदमुक्त किया गया है।

मालदार माला का 'माली' कौन, जांच होगी



अब तो बुधवार को बहनजी ने अपने सांसदों की बैठक बुला ली
संसद में माला-माला की चीख पर आयकर जांच की दिलासा

(खबर सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से)



बसपा की महारैली में मुख्यमंत्री मायावती के गले आफत पड़ी कि माला, अब आयकर विभाग जांच करने वाला है।संसद में तो ऐसी माला-माला की चीख-पुकार मची कि 12 अप्रैल तक स्थगित हो गई। चलो कुछ नहीं तो यही सही।उधर, कल बहनजी ने अपने आला सिपहसालारों की माला पर मीटिंग तलब कर ली है।
कोई कह रहा है कि माला में एक-एक हजार के नोट थे, कोई कुछ कह रहा, कोई कुछ। बसपा कह रही है, नहीं-नहीं, माला में सिर्फ 21 लाख रुपये गुंथे थे। संसद में माला-माला जपते हुए निशाना साध दिया गया। कहने वाले कहते हैंकि माला में 5 से 10 करोड़ रूपये तक गुंथे हुए थे। लोकसभा में सपा, कांग्रेस, भाजपा और जदयू सदस्यों ने भारीहंगामा किया। विपक्ष दल मायावती के गले में नोटों की माला डाले जाने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहतकार्रवाई किए जाने की मांग उठा रहे थे। भारी शोरगुल के सदन को दो बार स्थगित किया गया और बाद में बैठकअप्रेल तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा के बजट सत्र के पहले दौर का मंगलवार को अंतिम दिन था।दूसरा दौर 12 अप्रेल से शुरू होना है, जिसके बाद यह 7 मई तक चलेगा। सदन में शून्यकाल के दौरान सपा औरकांग्रेस सदस्यों ने माया की माला के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनकीपार्टी के सांसदों और कांग्रेस के जगदम्बिका पाल को कहते सुना गया कि मायावती
12 को कथित तौर पर नोटों का जोहार पहनाया गया, उसकी कीमत 10 से 15 करोड़ रूपए के बीच बीच है। भारी शोरगुल के बीच इन सदस्यों नेमामले की जांच कराने की मांग की और कहा सरकार पता लगाए कि यह धन कहां से आया। उधर, बहनजी नेमाला मुद्दे पर अपने मंत्रियों और बसपा सांसदों की बुधवार 12 बजे अपने आवास पर बैठक बुला ली है। अंदेशाकार्रवाई का भी हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो लोगों को और कहने का मौका मिल सकता है।

सांसद अल्वी के बयान से संसद में सनसनी



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सांसद मेनका गांधी की तरह आज कांग्रेस सांसद राशिद अल्वी ने भी राज्यसभा को बताया कि उन्हें गाजियाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन वह बरेली दंगे की जांच नहीं, उसका विरोध करने जा रहे थे। उन्होंने ये कह कर सदन में सनसनी फैला दी कि दंगापीड़ित बरेली से लड़कियों को उठाकर ले जाया जा रहा है। इस दंगे की न्यायिक जांच होनी चाहिए। शून्यकाल में सबसे पहले सपा सांसद रामगोपाल यादव, फिर भाजपा के सांसद विनय कटियार ने बरेली दंगे का मामला उठाया। उपसभापति के मना करने के बावजूद कटियार अपनी बात कहने से नहीं रुके। तभी उसी बीच में सपा सांसद कमाल अख्तर भी कुछ कहने लगे। सभापति ने उन्हें भी चुप कराने की कोशिश की। इन सबके बाद अल्वी ने कहा कि वह आज में बरेली जा रहे थे। गाजियाबाद में बरेली के कलक्टर के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया गया। मैं जानना चाहता हूं कि क्या गाजियाबाद में बरेली के जिलाधिकारी का आदेश चलता है। इसके बाद अल्वी ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर प्रहार करना शुरू किया। रैली के खर्चे की बात उठा दी।

मीडिया मनुवादी रंग-ढंग छोड़ देः बसपा



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मुख्यमंत्री मायावती को कथित करोड़ों रुपये के नोटों काहार भेंट किए जाने पर उठे विवाद को मीडिया के मनुवादीसोच का नतीजा बताया गया है। भाजपा सांसद लालजीटंडन का भी कहना है कि मायावती को कीमती तोहफादिया जाना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ऐसा होतारहा है। इसकी जांच का क्या मतलब है। सब कुछजगजाहिर है। जांच की बात बेमानी है। बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह का कहना है कि संसद में महंगाई जैसेअहम मुद्दे पर ठोस चर्चा की बजाय बसपा के रजत जयंती समारोह में पार्टी अध्यक्ष मायावती को माला भेंट किए जाने को लेकर बवाल किया जा रहा है। सरकारी पैसे का कतई दुरुपयोग नहीं किया गया। साराइंतजाम पार्टी के प्रति आस्था रखने वाले लोगों ने किया था। सभी को परेशानी इस बात पर हो रही है कि प्रधानमंत्रीपद की दावेदार दलित की बेटी को वह माला भेंट की गई है। किसी इटैलियन को माला पहनाई जाती तो किसी कोकोई परेशानी नहीं होती। उन्होंने मीडिया से कहा कि आप लोग भी मनुवादी मानसिकता छोड़ दीजिए।

संसद में गूंजी मायावती की माला



सदन में मुलायम और जगदंबिका पाल ने कहा- माला 15 करोड़ की

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उत्तर प्रदेश में कल कांशीराम जयंती और बहुजन समाज पार्टी की रजत जयंती के अवसर पर पार्टी प्रमुख मायावती को कथित तौर पर करोड़ों रूपये का नोटों का हार भेंट किए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में आज सपा, कांग्रेस, भाजपा और जदयू सदस्यों के भारी हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक स्थगित कर दी गयी। लोकसभा के बजट सत्र के पहले चरण का आज अंतिम दिन था। सत्र का दूसरा चरण बारह अप्रैल से शुरू होना है और यह सात मई तक चलेगा। सदन में शून्यकाल के दौरान सपा और कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया, जिससे अध्यक्ष मीरा कुमार को सदन की बैठक 45 मिनट के लिए दोपहर एक बजे तक स्थगित करनी पडी। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सहित उनकी पार्टी के सांसदों और कांग्रेस के जगदम्बिका पाल को कहते सुना गया कि मायावती को कथित तौर पर नोटों का जो हार पहनाया गया, उसकी कीमत दस से 15 करोड़ रूपये के बीच है। भारी शोरगुल के बीच इन सदस्यों ने मामले की जांच कराने की मांग की और कहा सरकार पता लगाये कि यह धन कहां से आया।

बलात्कार नहीं, यौन उत्पीड़न कहिए!



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सदन में प्रस्तुत हो चुके अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) संशोधनविधेयक की जुबानी अब अपराध जगत, पुलिस जगत और देश-समाजमें नए स्वर गूंजने वाले हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय भारतीय दंड संहिताआईपीसी) में संशोधन कर इसमें बलात्कार शब्द की जगह यौनउत्पीड़न शब्द को शामिल करने जा रही है। आईपीसी में संशोधन के लिए विधेयक एक पखवाड़े के अंदर तैयार करइसका मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस संशोधन के बाद कानून की नजर में उनपुरुषों को भी पीडि़त माना जा सकेगा, जो यौन शोषण का शिकार हुए हों। लोक सभा में अपराध प्रक्रिया संहितासीआरपीसी) में संशोधन विधेयक पेश किया गया जिसके मुताबिक गंभीर मामलों में पुलिस को इस बात का भीब्योरा देना होगा कि उन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की। आईपीसी में संशोधन के लिए विधेयक एकपखवाड़े के अंदर तैयार कर इसका मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा। आईपीसी कीधारा 375 के इस प्रस्तावित बदलाव के बाद महिलाओं के साथ कुछ अलग तरह के गंभीर यौन अत्याचार औरपुरुषों के साथ दुष्कर्म को भी उतना ही गंभीर माना जाएगा। खास कर बच्चों के खिलाफ बढ़ रही यौन हिंसा के संदर्भमें इस कानून का इस्तेमाल किया जा सकेगा। उधर, लोकसभा में पेश अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) मेंसंशोधन के मुताबिक इसकी धारा पांच की उपधारा एक का इस्तेमाल करते हुए अगर किसी आरोपी को पुलिसगिरफ्तार नहीं करती है तो पुलिस को लिखित तौर पर वह कारण दर्ज करना होगा, जिसकी वजह से आरोपी कोगिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस संशोधन का फायदा गरीब औरअमीर आरोपियों के बीच होने वाले भेद-भाव को दूर करने में मिल सकेगा। अब तक ज्यादातर मामलों में अगरआरोपी गरीब हुआ तो पुलिस उसे झट गिरफ्तार कर लेती है, जबकि अमीर आरोपी के मामले में ऐसा कदम उठातेहुए बचती है, लेकिन नई व्यवस्था के बाद उसे सिर्फ गिरफ्तारी की वजह बतानी होगी, बल्कि गिरफ्तार नहींकरने पर भी वजह पेश करनी होगी। ( (

सदन से लापता 35 सांसदों को नोटिस



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आखिरकार वह नौबत ही गई, जिसका अंदेशा जताया जा रहा था। संप्रगसुप्रीमो के बार-बार संकेत करने, समझाने के बावजूद माननीय लोग खास करकांग्रेस के संसद सदस्य अपनी अनुपस्थिति के स्वभाव में सुधार लाने कोतैयार नहीं थे। अब लोसकभा से गायब ऐसे 35 सांसदों को नोटिस जारी कियागया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बार-बार कहने के बावजूद कांग्रेसी सांसदों के सदन से गायब रहने पर अब पार्टी नेसख्त कदम उठाया है। सोमवार को लोकसभा में परमाणु दायित्व विधेयक पेश किए जाने के समय गायब 35 सांसदों को पार्टी नोटिस जारी करने जा रही है। इनमें कुछ मंत्री भी हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर विधेयकपेश होता और उस पर वोटिंग की जरूरत पड़ जाती तो सरकार को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता था। सूत्रोंने बताया कि पार्टी ने पुरातात्विक इमारतों और विरासत स्थलों के विधेयक को लेकर सांसदों को विप जारी कियाथा। मगर उसके बावजूद सांसदों की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक है। कांग्रेस ने कहा कि सदन में तृणमूल कांग्रेस औरएनसीपी के भी कुछ सांसद मौजूद नहीं थे। ऐसे में सरकार को अभूतपूर्व स्थिति का सामना करना पड़ सकता था।गौरतलब है कि सोनिया ने अभी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सदस्यों के सदन से गायब रहने पर नाराजगीजताई थी।

Monday, March 15, 2010

पहली बार 'महिला बिल' पर बरसीं बहनजी

14 अप्रैल को जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे बसपा के कार्यकर्ता

माया बोलीं- दलित-पिछड़ी-मुस्लिम महिलाओं को अलग से आरक्षण दो

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लखनऊ में आज दलितों की विशाल रैली में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्यसभा में बिल का विरोध जताने का कारण दुहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के विरोध में 14 अप्रैल को राज्य में धरना-प्रदर्शन करेगी। बसपा की स्थापना की 25 साल पूरा होने के मौके पर सोमवार को मायावाती ने लखनऊ में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी पार्टी के कार्यकर्ता भीमराव आम्बेडकर के जन्मदिन 14 अप्रैल को महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ उत्तर प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर धरना देंगे। बसपा इस विधेयक में दलितों के साथ-साथ पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किए जाने की पक्षधर है। इसी वजह से राज्यसभा में बसपा ने इस विधेयक पर हुए मतदान का बहिष्कार किया था। बसपा की 25वीं वषर्गांठ एवं पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की जयंती पर आयोजित ’महारैली’ में देश के कोने कोने से आये लाखों बसपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी और पार्टी ने विपक्षी दलों को ‘दिल थाम के बैठो’ के अंदाज में अपनी ताकत का भरपूर एहसास कराया। राजधानी के लगभग 70 एकड में फैले रमाबाई मैदान में देश के विभिन्न भागों से आए लाखों बसपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो ने जब उनके यहां आने पर उनका अभिनन्दन किया तो पूरा माहौल ’मायावती संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ’ के नारों से गूंज उठा। रैली में मायावती ने अपना ज्यादातर भाषण मूर्ति प्रकरणों पर केंद्रित रखा। रैली पर जनता के करोड़ों रुपये की फिजूलखर्ची के आरोप लगाए गए हैं। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने रैली को सरकारी समारोह करार देते हुए कहा है कि सरकारी पैसे और सराकारी अफसरों के बूते पर जुटाई गई ऐसी रैलियों का कोई महत्व नहीं होता है।

Sunday, March 14, 2010

मुलायम के बाद राज्यपाल का विमान बचा



(खबर sansadji.co सांसदजी डॉट कॉम से)

गृहनगर सैफई (इटावा) में हवाई पट्टी पर लैंड करते समय उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव बाल-बाल बच गए थे। उधर जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर सुरक्षाकर्मियों और विमानपत्तन प्राधिकरण की चूक के कारण हवाई अड्डे के टैक्सी-वे पर राज्यपाल प्रभाराव के विमान के सामने टैंकर आ गया लेकिन संयोगवश कोई हादसा नहीं हुआ। राज्यपाल का विमान जब हैंगर की ओर जा रहा था, उसी दौरान टैक्सी वे पर आ रहे टैकर को देख पायलट ने करीब तीन सौ फुट की दूरी पर विमान को रोक लिया। विमान उदयपुर से सांगानेर हवाई अड्डा पहुंचा था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मैनपुरी (उ.प्र.) से पार्टी सांसद मुलायम सिंह यादव कल बाल-बाल बच गए। ये दिल थाम लेने वाला वाकया उस समय हुआ, जब श्री यादव का चार्टर्ड विमान इटावा की चारदीवारी विहीन हवाई पट्टी पर लैंड कर रहा था। इटावा श्री यादव का गृह जनपद है। शनिवार को जिस समय उनका चार्टर्ड विमान हवाई पट्टी पर लैंड करते हुए फर्राटे भर रहा था, ठीक उसी समय हवाई में एक साइकिल सवार घुस आया। उस समय हवाई पट्टी पर काफी संख्या में पार्टी के लोग तथा श्री यादव के सुरक्षा अधिकारी तथा अन्य कर्मी भी मौके पर मौजूद थे। इटावा में मुलायम का चार्टर्ड विमान उनके गृह उपनगर स्थानीय सैफई हवाई पट्टी पर लैंड कर रहा था तभी रनवे पर एक साइकिल सवार आ गया। मुलायम का प्लेन साइकिल के बगल से बगल से हवा की रफ्तार से आगे निकल गया। जिस समय मुलायम सिंह का विमान रनवे पर लैंड कर रहा था, उस समय रन-वे पर एक साइकिल सवार आराम से साइकिल चलाते हुए वहां से गुजर रहा था। अचानक पीछे से विमान जमीन पर उतरकर साइकिल के एकदम उपस्थित सपा कार्यकर्ता और हवाई पट्टी पर तैनात अधिकारी और कर्मचारी इस वाकए से स्तब्ध रह गए। सम्भवत: कम इस्तेमाल होने की वजह से स्थानीय निवासी बाउंड्रीवाल नहीं होने से इस हवाई पट्टी का शार्टकट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में सवाल ये उठाए जा रहे है कि आखिर रनवे पर साइकिल सवार कैसे पहुंच गया। क्या उस समय रनवे क्लियर रखने की जिम्मेदारी किसी की नहीं थी? उल्लेखनीय है कि इसी तरह पिछले साल राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद राजनाथ सिंह भी बाल-बाल बच चुके हैं। पिछले दिसंबर में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, उनके पति देवी सिंह शेखावत व राज्यपाल एमसी भंडारी उस समय बाल-बाल बच गए थे, जब उड़ीसा में पुरी से लौटकर भुवनेश्वर में उतरते समय उनके हैलिकॉप्टर की तीन पंखुडियां वहां एक शेड से टकरा गई। 16 यात्रियों की क्षमता वाले हैलिकॉप्टर का पंखा एक स्टोररूम के शेड से टकरा गया। हालांकि हैलिकॉप्टर सुरक्षित उतर गया था। हैलिकॉप्टर के पंखे के टकराने से एसबेस्टस की छत फट गई थी। पिछले साल अप्रैल में आसाम के स्वास्थ्य मंत्री हिम्मत बिस्व शर्मा और वन मंत्री रॉकीबुल हुसैन, असम युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पिजस हजारिका के साथ पूर्वी असम के नागांव जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित कर गुवाहाटी लौट रहे थे। उसी दौरान चार सीटों वाले हेलीकाप्टर में एक गड़बड़ी विकसित होने लगी। हेलीकाप्टर में तेज आवाज हो रही थी और सहयोगी पायलट ने उनसे कहा कि सीट बेल्ट बांध लें। हेलीकाप्टर नीचे आने लगा और हवाई अड्डे के परिसर में घास उगे इलाके में तेज धमाके के साथ उतर गया। हेलीकाप्टर में गड़बड़ी आने के बाद वैसी दुर्घटना तो मौत के मुंह से बच निकलने जैसी थी। ऐसा ही एक हादसा प्रणब मुखर्जी के साथ हुआ था। मुखर्जी उस समय बाल-बाल बच गए थे जब सिल्चर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे और उनका हेलीकाप्टर एक आकाशीय बवंडर में फंस गया। राजनाथ सिंह पिछले साल चुनाव के दिनों में उस वक्त एक सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गए थे, जब उनकी कार एक ट्रैक्टर ट्रॉली से टकरा गई थी। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए राजनाथ अपनी एम्बेसडर कार से मुरादनगर जा रहे थे तभी दुहाई इलाके में मेरठ रोड पर अचानक एक ट्रेक्टर ट्रॉली उनकी कार से आ टकराई। हादसे में राजनाथ सिंह को कोई चोट नहीं लगी, लेकिन उनकी कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री इसी तरह के हवाई हादसे में जान गंवा बैठे थे

दलितः राजस्थान-बिहार में सोनिया और मीरा कुमार



(खबर sansadji.com से)

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महादलित कार्ड, रामविलास पासवान के दलित कार्ड, शरद यादव और लालू यादव के पिछेड़-एजेंडे का जवाब कांग्रेस सासाराम से सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की पहचान में ढूंढ रही है। उल्लेखनीय है कि इस समय इस राज्य में पार्टी अजीबोगरीब अंतर्कलह से गुजर रही है। मीरा कुमार को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी के चेहरे के तौर पर पेश करने की रणनीति बनाई जा रही है। पार्टी महासचिव इस राज्य पर निगाहें गड़ाए ही हुए हैं। वह हाल ही में बिहार का व्यस्त दौरा कर अपनी गहरी छाप भी छोड़ चुके हैं। उनकी राजनीति को खास तौर से दलित-उद्धारक की पहचान मिल चुकी है। मीरा कुमार की छवि राहुल गांधी की तरह ही बेदाग है। पार्टी में चुनावी रणनीति तैयार करने वालों का मानना है कि लोकसभा अध्यक्ष पद की गरिमा के मद्देनजर मीरा कुमार चुनाव अभियान में शामिल नहीं हो सकतीं। लेकिन अभियान में उनका नाम जुड़ जाने से कांग्रेस की नई सोशल इंजीनियरिंग सामने आ सकती है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी मई में डूंगरपुर (राजस्थान) जाएंगी और आदिवासी सम्मेलन को सम्बोधित करेंगी। यह सम्मेलन कांग्रेस स्थापना के 125वें वर्ष के मौके पर आयोजित किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस स्थापना समारोह समिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सी.पी.जोशी ने यह जानकारी दी है। स्थापना वर्ष के आयोजनों के लिए देश को पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण चार क्षेत्र में बांटा गया है। इसमें से पश्चिम क्षेत्र के कांग्रेस जनों का बड़ा सम्मेलन राजस्थान में किया जाएगा।

पहले सचिन, फिर सोनिया गांधी, अब डॉ. कर्णसिंह को भारत रत्न देने की वकालत



(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

एक मैच में दो सौ रन बनाने पर मास्टर ब्लॉस्टर सचिन तेंदुलकर को, फिर महिला आरक्षण बिल विधेयक राज्यसभा से पारित होने पर संप्रक सुप्रीमो सोनिया गांधी को, अब सांसद करण सिंह को भारत रत्न देने की मांग उठी है। ये वकालत और कोई नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम.के. नारायणन ने की है। कोलकाता में भारतीय सांस्कृतिक संबद्ध परिषद के एक कार्यक्रम में पूर्व सुरक्षा सलाहकार तथा प्रदेश के राज्यपाल एम के नारायणन ने कहा कि अगर कोई एक व्यक्ति देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पा सकता है तो वह डा. करण सिंह के अलावा दूसरा कोई नहीं है। मैं आशा करता हूं कि जो लोग सत्ता में हैं, वे उनके जैसे लोगों के महत्व की पहचान करेंगे और उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मनित करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद, राजनेता, लेखक तथा राजनयिक को 2005 में देश के दूसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। भारतीय संस्कृति संबद्ध परिषद के अध्यक्ष करण सिंह (79) को देश का ‘धार्मिक दूत’ करार देते हुए नारायणन ने कहा कि वह लगातार बेहतर काम करते आ रहे हैं और लंबे समय से धार्मिक संदेशों को प्रचारित और प्रसारित कर रहे हैं। दुनिया के महान क्रिकेट सचिन तेंदुलकर को यह सम्मान देने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दोनों की तुलना करने से इंकार कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि मैं इस बात की तुलना नहीं करना चाहता कि किसे पुरस्कार दिया जाना चाहिए और किसे नहीं। कुल मिला कर मैं यह कह सकता हूं कि इस पुरस्कार के लिए मैं करण सिंह का पक्षधर हूं।