Saturday, March 13, 2010

सांसद मेनका के खिलाफ चार्जशीट पर स्टे



आंवला से भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी कल बरेली दंगे की जांच करने जा रही है, उधर हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज लूटकांड में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीटके खिलाफ स्टे जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि चार्जशीटमें सांसद मेनका गांधी सहित कई भाजपा नेताओं को दोषीठहराया गया था। थाना हाफिजगंज (बरेली) के कस्बा सेंथलनिवासी पशु व्यापारी शब्बीर ने 29 मार्च 08 को कोतवाली मेंसांसद मेनका गांधी समेत चार लोगों के विरुद्ध दर्ज कराए गएमुकदमे में आरोप लगाया था कि 28 मार्च को वह लखीमपुर के दुबग्गा पशु बाजार से दो दर्जन काले पशु खरीदकरलौट रहा था। बीसलपुर के समीप गोबल पतीपुरा गांव के निकट सांसद मेनका गांधी उनके समर्थक भाजपा नेताअनूप गुप्ता, मनोज गुप्ता, नरेशचन्द्र शर्मा ने मेटाडोर रोककर उसमें भरे जानवर तथा पशु व्यापारी शब्बीर, उसकेसाथी हशमत मुस्तकीम से मारपीट कर 500 की नगदी लूट ली। पुलिस ने धारा 394, 506 के तहत अभियोगदर्ज कर पशु व्यापरियों का मेडिकल परीक्षण कराकर घटना की जांच शुरू कर दी। विवेचना के उपरांत पुलिस ने 7 जून 08 को सांसद मेनका गांधी को छोड़कर नामजद अन्य आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट अदालत में दाखिल करदी। 8 जून को पुलिस ने सांसद मेनका गांधी के विरुद्ध भी चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी। सीजेएम ने 15 अप्रैल 09 को इस आदेश के साथ चार्जशीट अग्रिम विवेचना के लिये वापस पुलिस को लौटाते हुए कहा था किमुल्जिम को गिरफ्तार कर चार्जशीट अदालत में प्रस्तुत की जाये। भाजपा नेता नरेश चन्द्र शर्मा मनोज गुप्ता नेचार्जशीट के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति रविन्दरकुमार सिंह ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत चार्जशीट के खिलाफ स्टे आदेश जारी कर दिया। अब इस मामले कीसुनवाई हाईकोर्ट में होगी। हाईकोर्ट का आदेश यहां प्राप्त हो गया है।

मेनका और योगी करेंगे बरेली दंगे की जांच




(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

तीन सदस्यीय जांच दल में मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी। बरेली दंगों की जांच के लिए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद आंवला मेनका गांधी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में दो अन्य सदस्य हैं गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ और मेरठ के पार्टी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल। यह समिति दंगाक्षेत्र का जल्द जायजा लेकर अपनी जांच रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी। समिति रविवार को बरेली जा रही है। टीम को शाम तक दिल्ली लौटना है। बरेली में दो मार्च को बारावफात पर निकले जुलूस के दौरान दंगे भड़कने के बाद मौलाना तौकीर रजम खां को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें रिहा न करने के विरोध में शहर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी हुई। भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया। उल्लेखनीय है कि शहर का बड़ा हिस्सा कर्फ्यू के हवाले है। दंगे के बाद बरेली पहुंचने से सपा के कई नेताओं को रोक दिया गया था। सपा का आरोप है कि दंगा बसपा के लोग करा रहे हैं।

Friday, March 12, 2010

15 और 16 मार्च की 'वो' मुहूरत!



प्रणब बोलेः नहीं घटेंगी पेट्रोलियम कीमतें, विपक्ष का बहिष्कार..............

लोकसभा में 2010-11 का विनियोग विधेयक ध्वनिमत से पारित............

सपा सांसदों ने सभापति से माफी मांगी ? राजद सांसद अड़े!.................

महंगाई के खिलाफ जंतर-मंतर से सरकार को ‘लाल ललकार’................

संसद-परिसर में धरने पर बैठे तृणमूल कांग्रेस के सांसद ................

पति-पत्नियों के साथ सोनिया के घर भोज में जुटे सांसद ....................

कुटिल कानाफूसियां, संसद में सत्ते-पे-सत्ता, नहले-पे-दहला.................

कैसी होगी लोकसभा में 15 और 16 मार्च की 'वो' मुहूरत!...................

हिमाचल से राज्यसभा प्रत्याशी चयन को जुटेंगे भाजपाई.................

मृत पूर्व सांसद भाटी के परिजनों को मिलेंगे 32 लाख.......................


आज की ये सभी प्रमुख खबरें सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com पर विस्तार से

संसद-परिसर में धरने पर तृणमूल सांसद


(sansadji.com)

संसद भवन परिसर में ही आज तृणमूल कांग्रेस के सांसद धरने पर बैठगए। वे पश्चिम बंगाल में कथित राज्य समर्थिक आतंकवाद के प्रतिविरोध जता रहे थे। सांसदों ने केन्द्र से आग्रह किया कि वह पश्चिमबंगाल की सत्ताधारी माकपा को राजनीतिक हिंसा फैलाने से रोके।उधर, तृणमूल सांसद कबीर ने नक्सलियों केंद्र के बीच मध्यस्थताकरने की इच्छा जताई है। सदन की बैठक शुरू होने से पहले ही आजसुबह तृणमूल सांसद हाथ में तख्तियां लिये संसद परिसर में महात्मागांधी की प्रतिमा के सामने एकत्र हुए। उन्होंने पश्चिम बंगाल की वाममोर्चा सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। लोकसभा में पार्टी के मुख्यसचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘ माकपा माओवादियों से लड़ाई के नाम पर राज्य समर्थित आतंकवाद फैलारही है। भारी संख्या में लोग मारे गये हैं। ’’ धरने पर तृणमूल के कबीर सुमन, काकोली घोष दस्तीदार, तापस पाल, शताब्दी राय, सुवेन्दु अधिकारी, रत्ना डे, नूरूल इस्लाम और जी सी नस्कर बैठे। उल्लेखनीय है कि आज ही दिन मेंवामदलों ने महंगाई के खिलाफ संसद पर प्रदर्शन किया, जिसमें सदन से वॉकऑउट कर वाम सांसद शामिल हुए।प्रदर्शन के बाद वाम सांसद संसद भवन से ही प्रदर्शन स्थल तक जुलूस की शक्ल में गये। उधर, तृणमूल कांग्रेस केसांसद और पश्चिम बंगाल में कवि तथा गायक के रूप में प्रसिद्ध कबीर सुमन ने कहा है कि उनकी इच्छा केंद्रसरकार और नक्सलियों की वार्ता में मध्यस्थता करने की है। नक्सलियों के खिलाफ जारी राज्य के अक्रामकअभियान के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए जनजातियों के पास एक बहुत मजबूत कारण है। यदि दोनों पक्ष वार्ताके लिए आगे आते हैं तो मैं मध्यस्थता करने के लिए तैयार हूं। मुझे नक्सलियों और केंद्र के बीच मध्यस्थ बनने मेंकोई नैतिक हिचक नहीं है। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ग्रीन हंट चलाने के सरकार के फैसले की आलोचनाकरते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का एक समूह पिछड़ी जनजातियों को उनकी ही जमीन से ताकत के बल परबेदखल करने का प्रयास कर रहा है। अब मामला पूरी तरह केंद्र सरकार के हाथ में है। यदि प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम नक्सलियों से बात करना चाहते हैं तो मामला सुलझ सकता है।

ये देक्खो, राजस्थान का 'फर्जी पूर्व सांसद'!



चेहरे पर नन्ही-घनी सफेद दाढ़ी। आंखों में बिना पिये-सा छलकता भरपूरा नशा। अपने को स्वामी रामदेव का चेला कहता। नाम 'गुरू' शिवदयाल शर्मा। उम्र के 86 बसंत पार। यानी पांव कब्र में हैं भी, नहीं भी। कहता है कि मैं राजस्थान के सीकर लोकसभा क्षेत्र का पूर्व भाजपा सांसद हूं। नपुंसकता की दवा-दारू बांटता डोल रहा था। इसी तरह पिछले लंबे समय से वह टिमरनी क्षेत्र के गांव सिरकंबा में निस्संतान दंपतियों के इलाज के बहाने ठग रहा था। लोगों को उसकी हरकतें अटपटी लगीं तो पुलिस को सूचित कर दिया। पुलिस पकड़ ले गई। उससे पुलिस ने दो सिम कार्ड के साथ एक मोबाइल सेट भी बरामद किया है।

लोकसभा में 15-16 मार्च की 'वो' मुहूरत!



(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)


महंगाई भी है, मौका भी और महिला आरक्षण बिल से अब जरा-जरा-सी मोहलत भी। आगे लोकसभा में आ रहा है वित्त विधेयक। इसके लिए 15-16 मार्च मोकर्रर-सा है। तीरंदाजी, वाक् युद्ध का अगला पड़ाव। महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष की बिखरी एकजुटता के सामने दोबारा एक-सुर होने की चुनौती। कांग्रेस की मंशा हो सकती है कि काश, बिखराव कायम रहे और बजट की रेल सकुशल सीटी बजाती हुई गंतव्य पर पहुंच जाए। कांग्रेस को मालूम है कि महिला आरक्षण बिल पर बिगड़े विपक्ष के सुरताल शायद पहले की तरह महंगाई-महंगाई पुकारते हुए भाजपा की गोलबंदी का सबब न बनें। किर्ची फंसी है तृणमूल कांग्रेस की। सो सुलझाने के जतन में जुटे ही हुए हैं पार्टी रणनीतिकार। तृणमूल ही क्यों, खतरे के खिलाड़ियों की कतार में द्रमुक भी तो है। इतना तो तय है कि भाजपा कांग्रेस की पटरी पर आने वाली नहीं, लेकिन कहते हैं, उसे आखिरकार आना ही पड़ेगा। उम्मीदन, वित्त विधेयक पर कटौती प्रस्ताव आना है। जब भाजपा उस दौरान अपने प्रस्ताव को पेश करेगी, तब देखने की बात होगी कि राजद-जदयू-सपा-बसपा-तृणमूल कांग्रेस-द्रमुक आदि क्या रुख अख्तियार करती हैं। जबकि संसद में विधेयक से कम अपनी-अपनी ढपली, अपने-अपने राग से ज्यादा मतलब रह गया है, फिर इस मुतल्लिक में आसार अच्छे कैसे सोचे जा सकते हैं। उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कल के अटकल-भरे इशारों पर गौर फरमाइए तो पता चलता है कि उनके राज्य में विधानसभा ही नहीं, लोकसभा चुनाव भी हो सकते हैं! अब इस अटकल का क्या कहा जाए, फिर भी कोई बड़ा राजनेता कुछ कहे तो बात-से-बात निकलती ही है। जाने कौन-सी घड़ी आए और नीतीश जी की वो मुराद भी पूरी हो जाए, लेकिन इतनी चरपरी अटकल में फिलहाल तो कोई दम दिखता नहीं। लगता है, वह पार्टी अध्यक्ष शरद यादव की आवाज पर अपनी आवाज भारी करने के लिए ऐसा-कुछ बोल गए। वित्त विधेयक पर भाजपा के साथ पूरे विपक्ष के लामबंद होने का सिर्फ एक ही तर्क जायज नजर आता है कि संसद से अपने-अपने पाले के देश को महंगाई विरोधी संदेश देने के लिए उन-सबकी दादा के वित्त-विधेयक के रू-ब-रू महंगाई-विरोधी-एकजुटता का तकाजा सिर पर आन पड़ा है। अब देखिए, 15-16 को लोकसभा में वित्त-विधेयक के मसले पर ऊंट किस करवट बैठता है! बहरहाल, कुछ-न-कुछ बमचक बर्दाश्त करने के लिए तैयार रहना ही होगा।

Thursday, March 11, 2010

निलंबित सांसद कमाल अख्तर ने कहाः ये बिल 'हाईफाई औरतों के लिए'




कमाल की टिप्पणी पर भाजपा और कांग्रेस की महिला सांसदों अलका, अनुसूया, मायासिंह ने कड़ा विरोध जताया

(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

आज देर शाम लगभग पौने आठ बजे राज्यसभा से निलंबित सपा सांसद कमाल अख्तर ने एक न्यूज चैनल पर हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि आरक्षण बिल जिस तरह से कांग्रेस पारित कराने पर आमादा है, वह हद दर्जे की बेशर्मी है। कांग्रेस बेशर्म है। हाईफाई औरतों के लिए बिल लाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सपा ने हर जिले में अलग से महिला विंग बना रखा है। तेज विरोध जताते हुए कांग्रेस-भाजपा सांसदों माया सिंह, अलका शर्मा, अनुसूया आदि ने कहा कि ये हाईफाई औरत किसे कह रहे हैं। इन्हें बात करने का सलीका भी नहीं। उन्होंने सोनिया गांधी के संबंध में भी इसी तरह की टिप्पणी की। कमाल कांग्रेस सांसद अलका की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। बिल पर केंद्रित इस चर्चा में निलंबित सांसद डॉ.एजाज अली, सुभाष यादव, भाजपा सांसद अनुसूया, भाजपा सांसद माया सिंह आदि भी भाग ले रहे थे। सुभाष यादव ने कहा कि हम कत्तई माफी नहीं मांगेंगे। राजद सांसदों ने कहा कि जिन्होंने संविधान बनाया है, हम उनसे ज्यादा तेज नहीं। क्या बिल के मौजूदा स्वरूप में देश की दलित-मुस्लिम औरतों के हितों का कोई ध्यान रखा गया है? कांग्रेस-भाजपा सांसदों ने कहा कि आपको किसने रोक रखा है दलित-मुस्लिम महिलाओं को टिकट देने से। आप लोग तो अपने परिवार के लोगों की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा सांसद माया सिंह ने कहा कि सबसे पहले जरूरी है बिल पास होना, परिमार्जन बाद में होता रहेगा। इस पर निलंबित सांसदों ने सवाल उठाया कि वह संभावना पहले क्यों नहीं? योगी आदित्यनाथ के संबंध में कही गई एक बात पर भाजपा सांसद माया सिंह ने कहा कि सबके अपने-अपने विचार होते हैं। वैसे हमारे सभी सांसदों ने अनुशासन का पालन किया है। आदित्यनाथ को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। इस पर सपा सांसद कमाल अख्तर ने कहा कि वही बात तो हम भी कह रहे हैं। हमे क्यों ये लोग खलनायक बना रहे हैं? कांग्रेस-भाजपा यदि महिलाओं को उतना अवसर देतीं तो आज इतना हल्ला नहीं होता। इसी तरह ये लोग सच्चर कमेटी, रंगनाथ कमेटी की रिपोर्ट दबाए हुए हैं। सांसद अलका शर्मा ने सवाल उठाया कि कमाल अख्तर की पार्टी ने कितनी महिलाओं को मौका दिया है? डिंपल यादव, अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव किस दलित-मुस्लिम परिवार के हैं? राजद सांसद सुभाष यादव ने कहा कि आरक्षण लागू हुआ तो हमारी पार्टी दलितों, मुस्लिमों को पूरा मौका देगी। हम पहले से इन तबकों का सबसे ज्यादा ध्यान रखते आ रहे हैं। कांग्रेस सांसद अलका ने कहा कि ये बिल के विरोध के कारण नहीं, राज्यसभा में गलत कार्य के लिए सस्पेंड हुए हैं। हाईफाई महिलाओं को लेकर पैदा हुई गर्मागर्मी के दौरान हेमा मालिनी, जयाप्रदा, जया बच्चन, फूलन देवी के नाम भी चर्चा में खूब उछले। उल्लेखनीय है कि निलंबित ये सातों सांसद आज दिन में मुंह पर काली पट्टियां बांधकर संसद परिसर में बापू की प्रतिमा के सामने राजनीति प्रसाद के साथ अनशन पर बैठे। राज्यसभा से निलंबित सातों सदस्य साधु यादव, एजाज अली, साबिर अली, कमाल अख्तर, नंदकिशोर यादव आदि का कहना था कि जब तक हमे सदन में वापस नहीं लिया जाता, हम इसी तरह शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध व्यक्त करते रहेंगे। अनशन पर बैठने से पहले इन सांसदों का कहना था कि हम किसी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगे। हमारे साथ ज्यादती हुई है। हमे मॉर्शलों द्वारा बलपूर्वक सदन से बाहर किया गया। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध जारी रहेगा। अनशन स्थल पर उनकी समर्थन में राजनीति प्रसाद में मुंह पर पट्टी बांधकर उनकी लड़ाई में शामिल दिखे। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार राज्यसभा से निलंबित किए गए राजद, लोजपा व सपा सांसदों के निलंबन की वापसी तभी संभव है जब वह माफीनामा पेश करें। इस शर्त पर विपक्ष की त्यौरियां तन गई हैं। सरकार की इस जिद के मुकाबले विपक्षी खेमा राज्यसभा में अपने संख्याबल की ताकत दिखाने को भी तैयार है। सूत्रों के अनुसार यदि सरकार नहीं मानी तो निलंबित सांसदों के निलंबन की वापसी के लिए विपक्ष अपनी ओर से प्रस्ताव ला सकता है।

सातों सांसदों ने मुंह पर काली पट्टी बांधी



संसद परिसर में बापू की प्रतिमा के सामने राजनीति प्रसाद के साथ अनशन पर बैठे

(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)


राज्यसभा से निलंबित सातों सदस्य साधु यादव, एजाज अली, साबिर अली, कमाल अख्तर, नंदकिशोर यादव आदि संसद परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने मुंह पर काली पट्टियां बांध कर अनशन पर बैठ गए हैं। उनका मानना है कि जब तक हमे सदन में वापस नहीं लिया जाता, हम इसी तरह शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध व्यक्त करते रहेंगे। अनशन पर बैठने से पहले इन सांसदों का कहना था कि हम किसी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगे। हमारे साथ ज्यादती हुई है। हमे मॉर्शलों द्वारा बलपूर्वक सदन से बाहर किया गया। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध जारी रहेगा। अनशन स्थल पर उनकी समर्थन में राजनीति प्रसाद में मुंह पर पट्टी बांधकर उनकी लड़ाई में शामिल दिखे। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार राज्यसभा से निलंबित किए गए राजद, लोजपा व सपा सांसदों के निलंबन की वापसी तभी संभव है जब वह माफीनामा पेश करें। इस शर्त पर विपक्ष की त्यौरियां तन गई हैं। सरकार की इस जिद के मुकाबले विपक्षी खेमा राज्यसभा में अपने संख्याबल की ताकत दिखाने को भी तैयार है। सूत्रों के अनुसार यदि सरकार नहीं मानी तो समेत निलंबित सांसदों के निलंबन की वापसी के लिए विपक्ष अपनी ओर से प्रस्ताव ला सकता है।

कांग्रेस-भाजपा को महंगी पड़ सकती है मुस्लिम-पिछड़े-दलित सांसदों की बेचैनी




महिला आरक्षण बिल सपा-राजद-जदयू अध्यक्ष की सधी रणनीति
मुस्लिम संगठन देशव्यापी विरोध करने की तैयारी में व्यस्त

(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)
महिला आरक्षण विधेयक के विरोध के पीछे पिछड़े एवं दलित-मुस्लिम राजनीति का चुनौतीपूर्ण एजेंडा काम कर रहा है। सपा को जहां अपने खोए मुस्लिम जनाधार की चिंता रही है, वही बिहार में लालू प्रसाद यादव आगामी विधानसभा चुनाव में पिछड़े एवं मुस्लिम फैक्टर पर नजर गड़ाते हुए बिल विरोध को हवा दे रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा के दलित, मुस्लिम एवं पिछड़े समुदायों से आए सांसदों का अंदरूनी तौर पर मुखर होने की एक वजह यही है। विरोध के स्वर में वे सांसद भी स्वर मिलाए हुए हैं, जिन्हें डर है कि उनकी सीट महिला नेताओं के हवाले हो सकती है। फिलहाल सबसे बड़ी सूचना ये मिल रही है कि इस विधेयक के खिलाफ देश भर के मुस्लिम संगठन एकजुट होने जा रहे हैं। बिल पास कराने से कांग्रेस और भाजपा जिस वाहवाही की वारिस बनीं, अब वही उनके दलित-मुस्लिम वोट बैंक के गले का फांस बनने वाला है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह उत्तर प्रदेश में दलित-मुस्लिम वोट बैंक संभालने-सहेजने में जुटे हैं, उधर भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में दलितों को गले लगाने का संदेश दे चुके हैं। अब महिला आरक्षण-बिल ने कांग्रेस-भाजपा दोनों के दलित-मुस्लिम समीकरण को डांवाडोल कर दिया है। उसी (बिहार और यूपी में मुस्लिम-यादव एका की संभावना) को हवा देने में जुटे हैं सपा, राजद और जदयू अध्यक्ष। बसपा सधे पांव इस हालात पर आगामी रणनीति तैयार करने में व्यस्त है। ताजा सूचना ये है कि महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मुस्लिम संगठन देशव्यापी अभियान चलाने की रणनीति बना रहे हैं। चार मुस्लिम एवं दलित संगठनों ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल, मूवमेंट फॉर इम्पावरमेंट ऑफ इंडियन मुस्लिम, सामाजिक न्याय मोर्चा और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर सेवादल ने एक साझा बयान में संकेत दे दिया है कि महिला आरक्षण विधेयक वास्तव में मुसलमानों को राजनीतिक रूप से खत्म करने की साजिश है। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद महिलाओं के लिए भी सीटें आरक्षित हो जाएंगी। इस आरक्षण से पहले से ही राजनैतिक रूप से कमजोर मुसलमानों की सियासत में हिस्सेदारी घटेगी। सेक्युलर फ्रंट के अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य जमशेद जैदी का कहना है कि महिला आरक्षण बिल के जरिए भाजपा अपने मुस्लिम विरोधी एजेंडे को लागू करना चाहती है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय मुस्लिम संगठन जल्द एक साथ इस विधेयक का विरोध तेज करने जा रहे हैं। राजद, सपा, जदयू अध्यक्ष की असली चिंता दलित नहीं बताए जाते हैं। उनका मकसद पिछड़ों एवं मुस्लिमों को एक मंच पर लाना लग रहा है। दलित सांसद अलग मोरचेबंदी के जरूरतमंत बताए जाते हैं। इस तरह के मोरचे की तस्वीर भी जल्द सामने आ सकती है। ऐसी सुगबुगाहट पार्टियों के भीतर तो मुखर होने ही लगी है।

महिला आरक्षण बिल पर अब फूंक-फूंक कर कदम रखेगी सरकार



सरकार को जल्दी नहीं और भी दर्द हैं महिला आरक्षण के सिवा 16 से सत्रावकाश समर्थक दलों के रूठने-मनाने का सिलसिला अभी लंबा चलेगा


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राज्यसभा से तो महिला आरक्षण बिल पास हो गया, अब लगता है लोकसभा में बिल ओके कराने की न तो कांग्रेस को जल्दी है, न आसार एकदम अनुकूल दिखते हैं। अभी संसद में महामहंगाई वाले बजट के ओके होने की जल्दी है। इस महीने ही उसे किसी भी कीमत पर पारित करा लेना जरूरी है और 16 मार्च के बाद सत्रावकाश है। संसद की कार्यवाही 16 मार्च को तीन हफ्ते के लिए स्थगित हो जाएगी और फिर दोबारा 12 अप्रैल को शुरू होगी। मौजूदा सत्र 7 मई को समाप्त होना है। फिलहाल, कांग्रेस ने गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। महिला आरक्षण बिल को कानूनी रूप देने और लागू करने के लिए जल्दबाजी ठीक नहीं मानी जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल कहते हैं कि फिलहाल बिल को लोकसभा में रखने की कोई तारीख तय नहीं की गई है। फिर कहते हैं कि 15-16 मार्च तक संभव है। जबकि अभी राज्यसभा से बिल पास होने की औपचारिक सूचना भी लोकसभा तक नहीं पहुंची है। 12 अप्रैल से दोबारा सत्र शुरू होने पर हर मंत्रालय की अनुदान मांगों पर विचार होना है। उसके बाद फाइनैंस बिल पास किया जाएगा। सरकार की कोशिश होगी कि फाइनैंस बिल के फौरन बाद लोकसभा में महिला बिल को पास कराया जाए। उसके बाद बिल सभी राज्यों को भेजा जाएगा। जहां आधे से ज्यादा राज्यों (15) में इसे दो तिहाई बहुमत से पास होना चाहिए। राज्यों में यूपी से ही बिल पास करवाना मुमकिन नहीं लग रहा, बाकी किसी राज्य से बिल पास होकर वापस आने में दिक्कत नहीं होगी। भाजपा और वामदल बजट पर सरकार को घेरने का भी अभी मूड बनाए हुए हैं। वे कटौती प्रस्ताव लाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में महिला बिल विरोधी सपा, बसपा और राजद अगर विपक्ष के पक्ष में हो गईं तो सरकार पहले उस मुश्किल का सामना करना चाहेगी। सावधानी से सरकार के संख्या गणित को ध्यान में रखकर ही आगे की कार्यवाही बनाई जा रही है। लालू और मुलायम से बात की जा रही है। ममता से कल हो चुकी है। ममता ने कल रात सोनिया गांधी से मुलाकात भी की। सोनिया गांधी ने रेलमंत्री को भरोसा दिलाया है कि बिल पर उन्हें भरोसे में लिया जाएगा। इन सब हालात को देखते हुए लगता है कि सरकार खासतौर से महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश करने को लेकर जल्दबाजी नहीं करेगी। केंद्रीय कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली कहते हैं कि विधेयक जब चर्चा और पारित होने के लिए लोकसभा में आएगा, उससे पहले सरकार सभी सहयोगियों के समर्थन का प्रबंध कर लेना चाहेगी।

Wednesday, March 10, 2010

चीन की संसद अब रबर स्टाम्प नहीं रही





कभी दलाई लामा ने कहा था कि चीन और भारत की संसद में जमीन-आसमान का अंतर है। चीन की संसद में जितनी खामोशी, भारत में उतना ही शोर। लेकिन नहीं, अब वहां भी समय करवट ले रहा है। पश्चिमी मीडिया द्वारा दिए गए रबर स्टैम्प के खिताब से मुक्ति पाने के लिए चीनी संसद को जल्द ही आम आदमियों से संबंधित मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ का अधिकार मिलने जा रहा है। संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष वू बांगुओ के अनुसार नई व्यवस्था के तहत सांसद राज्य और केंद्र के अधिकारियों को तलब कर उनसे पूछताछ कर सकेंगे। इस साल कुछ चर्चित मामलों की रिपोर्ट पर संबंधित विभागों से पूछताछ करेंगे। उन विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को उपस्थित होकर सिर्फ सुझावों को सुनना होगा बल्कि पूछताछ का भी जवाब देना होगा। इस बदलाव के दो उद्देश्य बताए जा रहे हैं। एक तो इससे बेहतर प्रशासन में मदद मिलेगी, दूसरी ओर पश्चिमी देशों द्वारा चीनी संसद को दिए गए रबर स्टैम्प के खिताब से भी मुक्ति मिलेगी। दुनिया भर में चीनी संसद की छवि सरकार की आज्ञाकारी संसद के रूप में बनी है। उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में दलाई लामा ने भी कहा था कि चीनी और भारतीय संसद में जमीन आसमान का अंतर है। चीन की संसद में जितना सन्नाटा रहता है, भारत में उतना ही शोर।

वॉक ऑउट....वॉक ऑउट..... दिल्ली से दून तक





ऐसी लागी लगन!
कु
ऐसी ही धुन सियासत की।
पूर्वाह्न दिल्ली, दोपहर भोपाल, अपराह्न देहरादून तकवॉक ऑउट....वॉक ऑउट!






(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)



उत्तराखण्ड
विधानसभा में आज प्रमुख विपक्षी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों द्वारा जबर्दस्त हंगामा करने के चलते सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के बाद विधान सभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने तीन बार स्थगित करते हुये कार्यवाही को 1500 बजे भोजनावकाश तक के लिये स्थगित कर दी। कांग्रेस और बसपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गये और जोर जोर से नारे लगाने लगे। उनका आरोप था कि राज्य में 56 जल विद्युत परियोजनाओं को कुछ शराब माफिया और कुछ नई कम्पनियों को सौपा गया जिसमें हेराफेरी की गई है। सभी सदस्य ‘‘भ्रष्टाचारी सरकार नहीं चलेगी नहीं चलेगी’’ के नारे लगा रहे थे। उनका आरोप था कि आवंटन में भारी रकम का गोलमाल किया गया है। सदन में नेता प्रतिपक्ष हरकसिंह रावत ने कहा कि आवंटन की प्रक्रिया में भारी घोटाला किया गया है और पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिये। उधर, मध्यप्रदेश विधान सभा में बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायकों ने डबरा में एक दलित महिला के साथ अत्याचार और ज्यादती को लेकर हंगामा किया और गर्भगृह में धरना देने के बाद इस मामले पर चर्चा नहीं कराये जाने के विरोध में सदन से वाकआउट कर गए। प्रश्नकाल समाप्त होते ही बसपा के रामलखन सिंह ने यह मामला उठाते हुए कहा कि इस मामले पर उन्होने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया है और उस पर आज ही चर्चा करायी जानी चाहिये। विधान सभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने इस मामले में बसपा सदस्यों को उनके कक्ष में आकर मिलने का सुझाव देते हुए कहा कि इस प्रकरण में उन्होने शासन से जवाब मांगा है और जवाब का अध्ययन कर वे कोई निर्णय लेंगे, लेकिन बसपा सदस्य इस मामले पर आज ही चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर गर्भगृह में पहुंच गये और कुछ समय के लिये उन्होने वहां धरना दिया। विपक्ष की नेता जमुना देवी ने भी इस मामले पर आज ही चर्चा कराये जाने की मांग की लेकिन रोहाणी ने बसपा सदस्यों के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा कि उन्होने शासन से जवाब मांगा है और इसको लेकर वे बसपा सदस्यों को अपने कक्ष में आमंत्रित भी कर रहे हैं लेकिन बसपा सदस्य नारेबाजी के बीच सदन से वाकआउट कर गये। उल्लेखनीय है कि आज सुबह राज्यसभा में सपा सांसद रामगोपाल यादव ने सदन शुरू होते ही मांग की कि सपा-राजद के सातों सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए। इसके बाद दोनों पार्टियों के सांसद सदन से वॉक ऑउट कर गए। लोकसभा में भी इसी मामले पर इतना हंगामा हुआ कि सदन कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि कल राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने के समय राज्यसभा की कार्रवाई में खलल डालने पर बजट सत्र से निलंबित सात सदस्यों में से तीन कमाल अख्तर, आमिर आलम खां और नन्द किशोर का कार्यकाल आगामी चार जुलाई को खत्म हो रहा है जबकि वीरपाल सिंह का कार्यकाल दो अप्रैल 2012 तक है। आगामी चार जुलाई को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में पहुंचे ग्यारह सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें जया बच्चन समेत सपा के सात सदस्य हैं। अंदेशा है कि निलंबित उपरोक्त तीन सांसद बहाल न हुए तो शायद ही दोबारा सदन लौटने का उन्हें अवसर मिले।

सारे साथी जाने कहां बिछुड़ गए थे!

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निलंबित सांसदों ने कहाः हम नहीं, सरकार हमसे माफी मांगे




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राज्यसभा से राजद-सपा का वॉक ऑउट
लोकसभा में कार्यवाही दो बजे तक स्थगित



भाजपा-माकपा ने कहा- निलंबित सातों सांसद सभापति हामिद अंसारी से माफी मांगें: आरक्षण बिल राज्यसभा में प्रस्तुत करने के दौरान सभापति हामिद अंसारी के साथ उलझने वाले सांसदों का निलंब तभी वापस हो, जब वे सातों सांसद सभापति से माफी मांग लें। ये कहना है भाजपा और माकपा का। निलंबित सांसद कमाल अख्तर और नंदकिशोर यादव का कहना है कि वे माफी नहीं मांगेंगे। क्यों माफी मांगे? माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। हमारा निलंबन वापस हो या नहीं, हम माफी नहीं मांगेंगे। जिस तरह से उन्हें मार्शल बुलाकर सदन से बाहर निकाला गया उसके लिए सरकार को उनसे खुद माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सभापति से बिल की प्रतियां छीनकर फाड़ दी थीं। सातों सांसदों को राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। यद्यपि अब लगता है कि बिना माफी मांगे ही काम चल जाएगा। राज्यसभा में आज सुबह सपा और राजद सांसदों ने निलंबन वापसी लेने की मांग करते हुए सदन से वॉक ऑउट कर दिया। सपा नेता रामगोपाल यादव ने सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सभापति हामिद अंसारी से सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उनकी पार्टी संसद का बहिष्कार जारी रखेगी। उधर लोकसभा में भी इसी मसले पर इतना हंगामा हुआ कि सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक, फिर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

Tuesday, March 9, 2010

लालू की सात बेटियां, फिर भी...!


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महिला सांसद उवाच
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि लालू को महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में रहने चाहिए था, क्योंकि उनकी संतानों में सात सिर्फ बेटियां हैं। माकपा सांसद वृंदा करात ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी बेहद अवसरवादी हैं। मध्यप्रदेश की सांसद माया सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को मौजूदा स्वरूप में ही पारित किया जाना उचित कहा जा सकता है। इसमें संशोधन बाद में किया जा सकता है। भाजपा ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करने की बात 1994 में की थी। गाँव में आज महिलाएँ अपने पैरों पर खड़ी हैं। राजनीति में उनकी पैठ है। ये उनकी इच्छाशक्ति का नतीजा है। कांग्रेस सांसद प्रभा ठाकुर का कहना था कि जिस तरह सभापति की कुर्सी का अपमान किया गया, उसकी मैं निंदा करती हूँ। अगर प्रधानमंत्री जी और सोनिया गांधी इतनी दृढ़ता नहीं दिखाते तो महिला आरक्षण विधेयक यहाँ तक नहीं पहुंचता। कांग्रेस सांसद जयंती नटराजन ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा महिला आरक्षण का समर्थन किया है। नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि मैं इस बिल का पूरा समर्थन करती हूँ। मेरी पार्टी इसके साथ है। मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री भी नहीं चाहते थे कि राज्यसभा में ऐसा दृश्य देखने को मिले। महिला आरक्षण विधेयक के ज़रिए महिलाओं को सशक्त करने की कोशिश हो रही है लेकिन राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उसे देखकर दुख हुआ। आज महिला विधेयक को लेकर नीति भी स्पष्ट है और नियत भी। अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि यहाँ सवाल संसद में नंबरों का नहीं है, सवाल नीति और नियत का था। उन्हें काफ़ी दुख हुआ कि सदन के कुछ सदस्य महिला आरक्षण के ख़िलाफ़ हैं। निर्दल सांसद एएस मलीहाबादी ने कहा कि महिला विधेयक पारित हो रहा है, लेकिन अगर अन्य वर्गों को भी इसमें हिस्सेदारी मिले तो अच्छा होगा। मैं बिल का समर्थन करती हूँ। महिला विधेयक में मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा ने कहा कि सपा, बसपा और राजद द्वारा विधेयक के मौजूदा स्वरूप के विरोध ने उनके महिला विरोधी सोच को उजागर कर दिया है। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि कांग्रेस कल प्रदेश कार्यालय पर एक विशाल उत्सव मनाकर इसका स्वागत करेगी।

पुरुष सांसद उवाच
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि अब इस विधेयक पर राजनीति खत्म होनी चाहिए। सीपीआई के वरिष्ठ सांसद डी.राजा ने कहा कि महिला विधेयक केवल एक शुरुआत है। इस मौके पर मैं गीता मुखर्जी को लाल सलाम करता हूँबीजेपी सांसद अरूण जेटली ने कहा कि भाजपा ने बिल का समर्थन किया लेकिन संसद में जो कुछ हुआ, वो शर्मशार करना वाला है। हरियाणा के सांसद त्रिलोचन सिंह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता दोनों को बधाई देना चाहता हूँ। आज हम ये ऐतिहासिक बिल पारित कर रहे हैं। एनसीपी सांसद तारिक़ अनवर ने कहा कि मैं चाहूँगा कि ये बिल आने वाले समय में देश के लिए फ़ायदेमंद हो और महिलाओं का राजनीतिक शोषण थमे। अच्छा होता कि ये बिल राजनीतिक सहमति से पास होता। सांसद एस. तिवारी का कहना था कि अगर आशंकाओं को दूर किया होता तो महिला विधेयक और बेहतर होता। मुसलमानों के मन में ये आशंका है कि उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। उन्हें लगता है कि महिलाओं का आरक्षण होने से मुसलमान सांसदों की संख्या और कम हो जाएगी। हम चाहते हैं कि आरक्षण के बीच आरक्षण हो लेकिन ये वर्ग बहुत बड़ा है। बिहार में हमने अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया है। जनता दल यूनाइटेड सांसद शिवानंद तिवारी ने भी विधेयक का समर्थन किया, जिसका सदन ने तालियों से स्वागत किया। बसपा सांसद सतीश मिश्रा ने कहा कि पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को मौका देना चाहिए। इस आरक्षण विधेयक में कुछ कमियाँ हैं, जिन्हें दूर करना चाहिए। वैसे महिलाओं को कम से कम 50 फ़ीसदी आरक्षण तो मिलना ही चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही संसद में 50 फ़ीसदी महिलाएँ होंगी और राजनीति में संवेदनशीलता आएगी।

लोकसभा में रारः व्यथित मीरा कुमार
लोकसभा में समाजवादी पार्टी और राजद के सांसदों ने पूरे दिन सदन की बैठक नहीं चलने दी। लोकसभा में सुबह जब 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई तो महिला आरक्षण विधेयक में पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए अलग से कोटे को लेकर सपा, बसपा और राजद ने भारी हंगामा किया। इन पार्टियों के सांसद अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। उनकी बेचैनी अनायास नहीं थी। भविष्य की राजनीतिक चिंताएं उन्हें परेशान किए हुए थीं। मीरा कुमार ने शोर-शराबे में बीस मिनट तक सदन की कार्यवाही चलने दी। इस दौरान मुलायम सिंह और लालू प्रसाद भी आसन के समक्ष गए। उनकी सदन के नेता प्रणब मुखर्जी और संसदीय दल के नेता पवन कुमार बंसल के साथ तकरार भी हुई। सपा सदस्य मिथिलेश कुमार ने आसन पर चढ़ने की कोशिश की। तब संसदीय कार्य राज्य मंत्री बी नारायण सामी ने ऐसा करने से रोका। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। उसके बाद 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई। उसके तुरंत बाद इन पार्टियों के सांसद फिर से नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने तब सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। दो बजे भी सदन में वही नजारा था। जद-यू के कुछ सांसद भी हंगामे में शामिल हो गए। तब उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की बैठक तीन बजे तक फिर स्थगित कर दी। तीन बजे फिर हंगामे का माहौल देख सदन चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद सदन फिर से शुरू हुआ तो मुलायम, लालू और उनके सहयोगी सांसद आसन के सामने कर नारेबाजी करने लगे। वे विधेयक की प्रतियां लहराने लगे और फिर उसको फाड़कर हवा में फेंक दिया। ऐसे में सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। अध्यक्ष मीरा कुमार लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार बाधा पहुंचने काफी व्यथित दिखीं। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से सुनिश्चित करने के लिए पीठासीन सभापति के पास कई विकल्प होते हैं, लेकिन वे कोई कड़ी कार्रवाई से बचते हैं, क्योंकि लोकतंत्र में यह शोभा नहीं देता है। यह भारत की संसद है, जिसमें सभी सम्मानित सदस्य हैं और हम कोई कड़ी कार्रवाई करने से बचते हैं। सदन को चलाना हर किसी की जिम्मेदारी है और उन्हें सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलने देना चाहिए। सदन में केरल के सांसद अब्दुल वहाब ने कहा कि दस साल बाद शायद पुरुषों को आरक्षण करना पड़ेगा अगर यही भावना बरकरार रही तो! सांसद अबनी रॉय ने कहा कि मर्यादा के साथ इस बिल को पारित कर दिए जाने से पूरे देश में नारी जाति को सम्मान मिला है। सांसद शरद . जोशी ने कहा कि चुनावी क्षेत्र आरक्षित रखने को लेकर मैं पूरी तरह सहमत नहीं हूँ। क्या आरक्षण से कभी किसी को फ़ायदा हुआ है. मुझे नहीं लगता। निर्दल सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि हम बिल के साथ हैं पर उम्मीद है कि मुसलमानों को भी आरक्षण मिले। मैं पूछना चाहता हूं कि हमारा समुदाय कब तक वोट माँगने की मशीन बनकर रहेगा। असम गण परिषद के सांसद बीरेंदर प्रताप ने कहा कि पूर्वोत्तर में महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी है। महिलाओं ने आज़ादी की लड़ाई में भागेदारी की है। अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि ये बहुत अच्छी बात है कि आज लगभग सारी पार्टियाँ इस बिल के पक्ष में है। इसी दल के सांसद राजमहेंद्र सिंह मजीठा ने कहा कि मैं नहीं चाहता, अनपढ़ महिलाएँ संसद में जाएं। सांसद बनने के लिए महिलाओं को दसवीं पास होना चाहिए। उन्हें पता तो हो कि वे क्या कर रही हैं। सांसद मनोहर जोशी ने कहा कि बिल पारित होने से महिलाएँ राजनीति में और भागेदारी कर सकेंगी। विधेयक के तहत चुनावी क्षेत्रों का आरक्षण राजनीतिक पार्टियों को करना चाहिए।