Friday, September 3, 2010

ईश्वर की किसी भी भूमिका की संभावना खारिज.......स्टीफन हॉकिंग


लंदन...........

दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में गिने जाने वाले स्टीफन हॉकिंग ने कहा है कि इस दुनिया को बनाने वाला कोई भगवान नहीं है। यह दुनिया भौतिकी के नियमों के मुताबिक अस्तित्व में आई। उनके मुताबिक बिंग बैंग गुरुत्वाकर्षण के नियमों का ही नतीजा था। स्टीफन हॉकिंग ने अपनी नई किताब में ये बातें कही हैं। गौरतलब है कि स्टीफन हॉकिंग ने 1988 में छपी अपनी बहुचर्चित किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' में कहा था कि ईश्वर का अस्तित्व अनिवार्य तौर पर विज्ञान का विरोधी नहीं है। दुनिया के बनने में ईश्वर की भूमिका को परोक्ष रूप से स्वीकार करते हुए उन्होंने उस पुस्तक में कहा था, 'अगर हम संपूर्ण थियरी खोज सकें तो वह मानवीय तर्क की सबसे बड़ी जीत होगी। तभी हम ईश्वर का दिमाग समझ पाएंगे।' अपनी नई किताब 'द ग्रैंड डिजाइन' में उन्होंने ईश्वर की किसी भी भूमिका की संभावना खारिज करते हुए कहा कि ब्रह्मांड का निर्माण शून्य से भी हो सकता है। हॉकिंग की इस नई किताब धारावाहिक रूप में लंदन के 'द टाइम्स' में छप रही है। स्टीफन हॉकिंग मौजूदा दौर के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में माने जाते हैं। एक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से हॉकिंग खुद चल-फिर या बोल-सुन भी नहीं सकते। फिर भी, अपनी इच्छाशक्ति और संकल्प की बदौलत उन्होंने न केवल अपनी पढ़ाई और रिसर्च जारी रखी बल्कि विज्ञान की सीमाओं को भी विस्तारित किया। इस नई किताब में अपनी पुरानी धारणा से आगे बढ़ते हुए हॉकिंग ने न्यूटन के इस सिद्धांत को गलत बताया है कि बेतरतीब अव्यवस्था से ब्रह्मांड का निर्माण नहीं हो सकता। अपने इस मत की पुष्टि के लिए हॉकिंस ने 1992 में हुई उस खोज का हवाला दिया है, जिसमें हमारे सौरमंडल से बाहर एक तारे के चारों ओर घूमते ग्रह के बारे में पता चला था। हॉकिंग ने इस खोज को ब्रह्मांड की समझ में बदलाव लाने वाला क्रांतिकारी मोड़ बताया है।

Friday, August 13, 2010

‘पीपली लाइव’ का आइडिया तब आया


आमिर खान की फिल्म ‘पीपली लाइव’ कैसी है, इसके कॉन्‍सेप्‍ट से लेकर पर्दे पर आने तक की कहानी।फिल्म की डायरेक्टर अनुषा रिज़वी को करीब छह साल पहले किसानों की हालत पर एक फिल्म बनाने का आइडिया तब आया जब 2004 में सरकार ने कुछ किसानों को फसल बर्बाद होने पर मुआवजा दिया था। अनुषा के दिमाग में ‘पीपली लाइव’ की धुंधली तस्वीरें तभी बनने लगी थीं। किसानों के गरीबी से तंग आकर आत्महत्या की खबरें अनुषा की कहानी का आधार बनीं। फिल्म की सिनॉप्सिस और आइडिया तैयार करने के बाद अनुषा ने फिल्म पर पैसा लगाने के लिए प्रोड्यूसरों की तलाश शुरू की। यह तलाश इतनी आसान नहीं थी। लेकिन अनुषा ने आमिर खान का ईमेल तलाशकर उन्हें फिल्म का शुरुआती आइडिया ईमेल किया। सब्जेक्ट लाइन में उन्होंने लिखा ‘द फॉलिंग’ दरअसल, अनुषा ने तब फिल्म का नाम यही सोचा था। शुरू में पीपली लाइव लगी थी मजाक!आमिर खान को यह ईमेल द राइजिंग मंगल पांडे की शूटिंग के दौरान मिला। बकौल आमिर उन्हें ईमेल का सब्जेक्ट ‘द फॉलिंग’ थोड़ा दिलचस्प लगा। लेकिन ईमेल पढ़ने पर उन्हें लगा कि उनके साथ किसी ने मजाक किया है और आमिर खान ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शुरुआती नाकामी के बावजूद अनुषा ने आमिर को कई ईमेल किए। आमिर को जब पता चला कि अनुषा एक पत्रकार हैं और एनडीटीवी से जुड़ी हुई हैं, तो उन्होंने अनुषा को गंभीरता से लेना शुरू किया। आमिर कहते हैं, ‘ मुझे फिल्म की कहानी काफी फनी, तेज़ गति वाली और संवेदनशील लगी।’ फिल्म की कहानी पर कामआमिर ने अनुषा से फिल्म की कहानी पर और काम करने और स्क्रिप्ट तैयार करने को कहा। अनुषा ने करीब दस महीने की मेहनत के बाद फिल्म की कहानी अपने पति महमूद फारुकी के साथ मिलकर लिख डाली। राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘रंग दे बसंती’ की शूटिंग के दौरान जब आमिर खान दिल्ली आए तो उन्होंने अनुषा को फिल्म की कहानी और स्क्रिप्ट सुनाने के लिए बुलाया। अनुषा ने फिल्म की कहानी आमिर खान को सुनाई। कहानी आमिर खान को बहुत पसंद आई। बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्नशिस्ट’ माने जाने वाले आमिर खाने के मुताबिक फिल्म में पैसा लगाने से पहले उन्होंने अनुषा को कुछ सीन शूट करने के लिए कहा। फिर आमिर ने कुछ सीन शूट कर दिखाने को कहा। अनुषा ने मुंबई में यह शूटिंग कर डीवीडी आमिर को भेजी। आमिर खान के मुताबिक उन्हें लगा कि काग़ज़ पर लिखी गई कहानी में जो भाव हैं, वही कैमरे पर भी आए हैं। उन्होंने अनुषा को फिल्म बनाने के ग्रीन सिग्नल दे दिया। किरदारों का चयन और नत्था बनते-बनते रह गए आमिरअनुषा के सामने अगली चुनौती थी फिल्म के किरदारों का चयन। अनुषा चाहती थीं कि आमिर खान फिल्म के मुख्य नायक नत्था का रोल करें। लेकिन आमिर अपनी फिल्मों- ‘गजनी’ और ‘थ्री इडियट्स’ को लेकर काफी व्यस्त थे। ऐसे में तारीखों की समस्या के चलते नत्था के रोल के लिए किसी और की तलाश शुरू हुई। नत्था के चुनाव के लिए भोपाल में स्क्रीन टेस्ट लिया गया और वहीं पीपली लाइव के नत्था यानी ओंकारदास मानिकपुरी को फिल्म के लीड रोल के लिए चुना गया। ओंकार दस सालों से थिएटर से जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि रघुबीर यादव और नसीरूद्दीन शाह के अलावा इस फिल्म में काम कर रहे ज़्यादातर लोगों के लिए यह पहली फिल्म है। फिल्म की डायरेक्टर अनुषा रिज़वी, फिल्म में संगीत देने वाले म्यूजिक बैंड 'इंडियन ओशन' के अलावा फिल्म के ज्यादातर किरदारों के लिए रुपहले पर्दे का यह पहला तजुर्बा है। शूटिंग इस फिल्म की ज़्यादातर शूटिंग मध्य प्रदेश और गुजरात में हुई है। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के बड़वई में फिल्म की काफी शूटिंग हुई है। इस फिल्म की शूटिंग करीब 64 दिनों में पूरी हो गई थी। चूंकि, फिल्म में स्टार नहीं थे, इसलिए तारीखों की बहुत समस्या नहीं थी। यही वजह है कि शूटिंग में कम समय लगा, जिसका सीधा असर फिल्म के बजट पर पड़ा। बिना मेकअप के बनी फिल्म!फिल्म की डायरेक्टर अनुषा के दिमाग में शूटिंग के दौरान यह बात साफ थी कि उन्हें फिल्म को वास्तविक ज़िंदगी से जोड़ना है ताकि फिल्म आम लोगों से पूरी तरह से जुड़ी हुई लगे। यही वजह है कि मध्य प्रदेश के बड़वई में शूटिंग के दौरान अनुषा ने गांववालों को अपनी फिल्म का हिस्सा बनाया। फिल्म में गांव की रोजमर्रा की ज़िंदगी को भी शूट किया गया है। अनुषा ने फिल्म में किसी एक्स्ट्रा का सहारा नहीं लिया है। उनकी जगह गांवावालों को लिया गया ताकि फिल्म वास्तविक लगे। यही वजह है कि इस फिल्म में कई किरदार आपको बिना किसी मेकअप या तैयारी के दिखेंगे। अनुषा ने बड़वाई गांव में चल रहे स्कूल को भी शूट किया गया। फिल्म से जुड़े लोगों के मुताबिक अगर शूटिंग के दौरान कोई बकरी भी कैमरे के सामने से गुजरती थी तो अनुषा उस सीन को कट नहीं करती थीं और उसे भी फिल्म का हिस्सा बनाया। इससे अनुषा को वास्तविक फिल्म बनाने में मदद मिली। महंगाई डायन खाए जात...इस फिल्म के मशहूर हो चुके गाने महंगाई डायन खाए जात... की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल, आमिर खान के मुताबिक, ‘यह गाना फिल्म की कहानी का शुरुआती हिस्सा नहीं था। लेकिन बड़वई में शूटिंग के दौरान उन्होंने एक स्थानीय मंडली को यह गाना गाते हुए सुना और उन्हें यह बहुत पसंद आया। अनुषा ने गाने को शूट कर लिया। उस समय अनुषा को यह आइडिया नहीं था कि यह गाना फिल्म में कहां फिट होगा, लेकन एडिटिंग के दौरान यह गाना फिल्म में अच्छी तरह से फिट हो गया।’ यह गाना मध्य प्रदेश में लोकगीत के रूप में काफी लंबे समय से गाया जा रहा है। फिल्म में गाना गाने वाली मंडली असली गायकों की मंडली है, जिन्हें आमिर खान ने मुंबई बुलाकर करीब 11 लाख रुपये बतौर मेहनताना दिया था। आमिर खान के मुताबिक जब वह फिल्म का म्यूजिक लॉन्च कर रहे थे, उसी समय महंगाई एक बड़ा मुद्दा थी। महंगाई के मुद्दे पर इस गाने को विपक्षी पार्टियां कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहती थीं, लेकिन आमिर खान ने गाने के अधिकार देने से मना कर दिया। फिल्म का बजटमहंगे लोकेशन, बड़े सितारों और तामझाम के बिना बनी पीपली लाइव का कुल बजट करीब 10 करोड़ रुपये है। यह फिल्म देश भर में करीब 600 सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। पहले इसे 150 सिनेमाघरों में रिलीज करने की योजना थी। लेकिन आमिर खान के मुताबिक छोटे शहरों से भी फिल्म को रिलीज करने की मांग आई तो उन्होंने इसे 600 सिनेमाघरों में रिलीज करने का फैसला किया। फिल्म के टीवी राइट्स ही कलर्स चैनल ने करीब दस करोड़ में खरीद लिए हैं। फिल्म ने रिलीज से पहले ही अपना खर्चा निकाल लिया है।

Thursday, May 6, 2010

राष्ट्रगान में सदियों तक गूंजते रहेंगे टैगोर



कल सात मई को है रवींद्रनाथ टैगोर के जन्मदिवस।
नोबेल पुरस्कार प्राप्त कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने साहित्य, शिक्षा, संगीत, कला, रंगमंच और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय दिया तथा आलोचकों की दृष्टि में अपने मानवतावादी दृष्टिकोण के कारण वह सही मायनों में विश्वकवि थे।
टैगोर दुनिया के संभवत: एकमात्र ऐसे कवि हैं जिनकी रचनाओं को दो देशों ने अपना राष्ट्र गान बनाया। बचपन से कुशाग्र बुद्धि के रवींद्रनाथ ने देश और विदेशी साहित्य, दर्शन, संस्कृति आदि को अपने अंदर समाहित कर लिया था और वह मानवता को विशेष महत्व देते थे। इसकी झलक उनकी रचनाओं में भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होती है।
साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने अपूर्व योगदान दिया और उनकी रचना ै गीतांजलि ै के लिए उन्हें साहित्य के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय ने भाषा को बताया कि गुरुदेव सही मायनों में विश्वकवि होने की पूरी योग्यता रखते हैं। उनके काव्य के मानवतावाद ने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलायी। दुनिया की तमाम भाषाओं में आज भी टैगोर की रचनाओं को पसंद किया जाता है। गंगोपाध्याय ने कहा कि टैगोर की रचनाएं बांग्ला साहित्य में एक नयी बहार लेकर आयी। उन्होंने एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे। इन रचनाओं में चोखेर बाली, घरे बाहिरे, गोरा आदि शामिल हैं। उनके उपन्यासों में मध्यम वर्गीय समाज विशेष रूप से उभर कर सामने आया है।

Tuesday, May 4, 2010

संसद में आने वाला है एक और बड़ा तूफान!! (sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)

दिनोदिन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार केआरोपों से घिरती जा रही है। पार्टी के सांसद एवं केंद्रीयमंत्री पर लगा भ्रष्टाचार का ताजा मामला आने वाले दिनों मेंसंसद में तूफान मचा सकता है। अभी शशि थरूर को हटानापड़ा, अभी .राजा को लेकर सोमवार को दोनों सदन कीकार्यवाहियां स्थगित करनी पड़ीं, तब तक एक और मंत्रीका कारनामा सुर्खियों में गया गया है। विपक्ष के लिए येनया हथियार लगा है, जिसे वह संप्रग पर प्रहार करने से शायद ही चूके। ताजा आरोप ने पार्टी के भीतर पसरते भ्रष्टक्रिया-कलापों का एक और अध्याय खोल दिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के एक सांसद का बांग्लादेश के किसीहथियारों के सौदागर से संबंध उजागर हो चले हैं। अपने सांसद के संबंध होने के आरोपों से घिरी तृणमूल कांग्रेस नेकहा है कि माकपा कोलकाता के निकाय चुनावों को देखते हुए उनकी पार्टी की छवि खराब करने में लगी हुई है।लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने रिपोर्ट को मनगढ़ंत बताते हुए कहा है कि माकपाराजनीतिक तौर पर कंगाल हो चुकी है। कोलकाता निकाय चुनावों को देखते हुए नई रिपोर्ट के आधार पर वहविवाद फैला कर तृणमूल की छवि को खराब करना चाहती हैं। पार्टी का कोई नेता इस तरह की अवैधानिकगतिविधियों में लिप्त नहीं है। इन खबरों को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के एक अखबार मेंतृणमूल कोटे के केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री शिशिर अधिकारी नाम सामने आया है, जिस पर वह मानहानिका दावा करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। चर्चाएं हैं कि आईपीएल और फोन टैपिंग मामले मेंपहले ही विपक्ष से घिर कर पराजय झेल चुकी संप्रग सरकार के लिए ये मामला अब तक की सबसे शर्मनाकचुनौती बन सकता है। अखबार ने दावा किया है कि शिशिर ने हथियार खरीदने के लिए पार्टी के एक कार्यकर्ता कोलाख रुपए देने की बात मान ली है। अखबार ने अधिकारी के हवाले से कहा है कि हथियारों की खरीद पश्चिमबंगाल के मिदनापुर जिले में माकपा कैडर से निपटने के लिए की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘बांग्लादेशी हथियारविक्रेता ने शिशिर अधिकारी को फोन कर यह भी कहा था कि उसे हथियारों की पूरी रकम नहीं मिली।बाद मेंअधिकारी को पता चला कि इन हथियारों का इस्तेमाल पूर्वी मिदनापुर में एक कोऑपरेटिव बैंक की डकैती में कियागया था। इस बीच वामदलों ने इस मुद्दे पर तृणमूल को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। पता चला है कि पार्टी गृहमंत्रालय से या संयुक्त संसदीय समिति के मार्फत इस मामले की जांच के आदेश देने की मांग करने वाली है। संप्रगकी दुविधा ये होगी कि यदि वह दागी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करती है तो तृणमूल से रिश्ते बिगड़ सकते हैं औरनहीं करती है तो विपक्ष उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का एक और डंका पीटने के लिए कमर कस सकता है। उधर, शिशिर ने ऐसी किसी सौदेबाजी से इनकार करते हुए चेतावनी दी है कि वह खबर छापने वाले अखबार के खिलाफकानूनी सहारा ले सकते हैं।
शिशिर प्रकरण के अलावा भी तृणमूल भ्रष्टाचार के आरोपों से हाल ही में कई मर्तबा और लांक्षित हो चुकी है। औरकोई नहीं, बल्कि पार्टी के ही सांसद और लोकप्रिय गायक कबीर सुमन अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार में लिप्त होनेऔर क़त्ल कराने जैसे गंभीर आरोप लगा चुके हैं। दो महीने पहले मार्च में उन्होंने ये आरोप एक बंगाली टेलीविज़नचैनल के साथ बातचीत के दौरान लगाए थे। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने उस समय सुमन के आरोपों पर खामोशीसाध ली थी। कबीर सुमन ने टेलीविज़न पर कहा था कि "मार्क्सवादियों पर हम जो आरोप लगाते हैं, तृणमूलकांग्रेस भी वही सब करती है। पंचायत स्तर पर मेरी पार्टी में व्यापक भ्रष्टाचार है जिसकी रिपोर्ट मुझे लगातारमिलती रहती है। वहां रिश्वत के बिना कुछ नहीं हो सकता। मार्क्सवादियों ने लंबे समय तक लोगों को मारा है, वहीसब मेरी पार्टी तृणमूल कांग्रेस कर रही है। कबीर सुमन ने इससे पहले माओवादियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन ग्रीनहंटकी सख़्त आलोचना की थी, जिससे ममता बनर्जी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी। उसके बाद उन्होंने एक सीडीकॉंपैक्ट डिस्क) जारी की थी जिसमें माओवादी समर्थक नेता छत्रधर महतो की तारीफ़ वाले गाने थे। महतो इससमय जेल में बंद हैं। सुमन ने सकार और माओवादियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की भी पहल की थी, जिसके बाद ममता बनर्जी ने कबीर सुमन से किनारा करते हुए उन्हें पार्टी में मेहमान बताया था, लेकिन बाद मेंमाना जाता है कि लेखिका महाश्वेता देवी ने ममता बनर्जी और कबीर सुमन के बीच सुलह करवाई थी। सुमन तोसंसद से इस्तीफा देने तक का ऐलान कर चुके थे पर महाश्वेता के कहने पर मान गए थे। इसके अलावा सुमन नेएक और विवाद को हवा दी जब उन्होंने कहा कि जिन बुद्धिजीवियों ने सिंगूर और नंदीग्राम में पार्टी का साथ दियाथा वो अब पार्टी से मुहं मोड़ सकते है क्योकि "पार्टी जनता से दूर होती जा रही है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।"
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Monday, May 3, 2010

महिलाओं को ज्यादा याद रहते हैं रास्ते



महिलाओं को सड़क के नक्शे को समझने में भले ही पुरूषों के मुकाबले ज्यादा जूझना पड़ता हो लेकिन एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को रास्ते ज्यादा याद रहते हैं। ब्रिटेन के अखबार ‘द डेली टेलीग्राफ’ के अनुसार नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी आफ मेक्सिको के शोधकताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि पुरुष भले ही नए नए स्थानों का पता लगाने में बेहतर साबित हों लेकिन महिलाएं एक बार जिस रास्ते पर चल चुकी होती हैं वे उन्हें ज्यादा याद रहते हैं। अध्ययन के अनुसार पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को किसी रास्ते के ‘विषेष स्थान’ की समझ ज्यादा होती है और ऐसे में उस रास्ते को पहचानने को लेकर उन्हें मशक्कत नहीं करनी पड़ती । महिलाओं में यह गुण मानव स5यता की शुरुआत से ही रहा है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि शुरूआती काल में जहां पुरुष में आहार के लिए शिकार ढूंढने की अच्छी समझ मिली वहीं महिलाएं उन जगहों को ज्यादा अच्छे से याद रख पाईं जहां से वे पहले फल या कंदमूल आदि प्राप्त करती थीं।

Friday, April 23, 2010

51 सांसदों को मीरा कुमार की गंभीर चेतावनी.....वरना चली जाएगी सांसदी


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निजी संपत्ति मामला

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक गंभीर चेतावनी देते हुए कहा है कि कुछ केन्द्रीय मंत्रियों समेत 51 सांसद अपनी संपत्तियों का खुलासा कर दें, वरना इस मामले में विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही हुई तो उन्हें अपनी सदस्यता तक गँवानी पड़ सकती है। लोकसभा सचिवालय के छह रिमाइंडरों और नौ लोकसभा बुलेटिनों में सांसदों से यह औपचारिकता पूरी करने का आग्रह किया जा चुका है। इसके बावजूद ब्योरा नहीं दिया गया है। अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा नहीं देने वालों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, भाजपा के पूर्व नेता कल्याणसिंह, तृणमूल कांग्रेस के तापस पाल, दिग्विजयसिंह (निर्दलीय सदस्य) और कांग्रेस सदस्य दीपेंदरसिंह हुड्डा, राव इंदरजीतसिंह, अवतारसिंह भड़ाना और संजयसिंह शामिल हैं। मीरा कुमार ने अब राजनीतिक दलों के नेताओं से आग्रह किया है कि वे अपने सदस्यों से इस प्रक्रिया को तेज करने को कहें। केंद्रीय मंत्री और नेताओं सहित 51 सांसदों ने अब तक अपनी संपत्तियों और देनदारियों के बारे में दस्तावेज मीरा कुमार को नहीं सौंपे हैं। जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 75-ए (5) के तहत किसी भी सदस्य के लोकसभा नियमों का जानबूझकर उल्लंघन करने के मामले से उसी तर्ज पर निपटा जा सकता है, जिस तरह सदन के विशेषाधिकार हनन से निपटा जाता है। विशेषाधिकार के हनन पर सदन की सदस्यता तक जा सकती है। हमने पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे इस प्रक्रिया को तेज करने का अपने सदस्यों से आग्रह कर सहयोग करें। मीरा ने राजनीतिक दलों के नेताओं को लिखे पत्र में कहा है कि सांसदों को सदन की सदस्यता की शपथ लेने के 90 दिन के भीतर यह जानकारी सौंपना जरूरी है। नब्बे दिन की अवधि के अगस्त-सितंबर 2009 में ही खत्म हो जाने के तथ्य के बावजूद आपके दलों के कुछ सदस्यों की ओर से अब भी यह जानकारी मिलने का इंतजार है।

Thursday, April 22, 2010

सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह ने ममता बनर्जी से मांगे जवाब





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गुरुवार को भी संसद में उत्तर प्रदेश के लोकसभा सदस्यों के तमाम सवालों से रेलमंत्री, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री को रूबरू होना है। ज्यादातर सवालों के जवाब पेट्रोलियम मंत्री को देने हैं। प्रतापगढ़ की सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह ने रेलमंत्री ममता बनर्जी से जानना चाहा है कि गत तीन वर्षों के दौरान रेलवे की भू्मि पर अतिक्रमण के कितने मामले जानकारी में आए हैं? रेलवे की भूमि से अवैध कब्जाधारकों को हटाने के लिए रेलवे द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं? रेलवे की भूमि/संपत्ति पर अतिक्रमण रोकने के लिए रेलवे द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? आगरा के सांसद प्रो.रामशंकर ने ममता बनर्जी से पूछा है कि क्या रेलवे ने डॉक्टर ऑन ट्रेन योजना का अनुमोदन कर दिया है और क्या चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए डिब्बों में कोई अतिरिक्त सुविधा मुहैया कराई जाएगी? उत्तरांचल के कांग्रेस सांसद विजय बहुगुणा ने नागर विमानन मंत्री से पूछा है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा देश में विभिन्न विमानपत्तनों के रन वे के किए जा रहे विस्तार कार्य की स्थिति क्या है और क्या रनवे के विस्तार के लिए राज्य सरकारों से प्राप्त कुछ प्रस्ताव भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पास लंबित हैं?
हरियाणा के कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री से जानना चाहा है कि क्या इंडियन ऑयल कारपोरेशन के जयपुर स्थित ईंधन भंडार डिपो में लगी विनाशकारी आग के बाद कराई गई जांच में सामान्य सुरक्षा प्रक्रिया का पालन न किया जाना और नितांत लापरवाही इस भारी क्षति के लिए जिम्मेदार रही? क्या तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय डिपुओं और अन्य प्रतिष्ठानों का सुरक्षा मानकों के अनुपाल हेतु आवधिक निरीक्षण सहित उनकी सुरक्षा लेखा परीक्षा करता रहता है? इसी मंत्रालय से सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने सवाल किया है कि क्या नया घरेलू एलपीजी कनेक्शन लेने पर गैस एजेंसियों द्वारा उपभोक्ताओं को अन्य वस्तुएं खरीदने के लिए प्रोत्साहित या बाध्य किया जाता है और क्या उपभोक्ताओं की ओर से ऐसे मामले सरकार के संज्ञान में आए हैं? सुल्तानपुर (यूपी) के कांग्रेस सांसद डॉ.संजय सिंह ने पेट्रोलियम मंत्रालय से सवाल किया है कि क्या ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोल बेड मीथेन के प्रयोग को लोकप्रिय बनाया जा रहा है? पिछले तीन वर्षों में ऐसे उत्पादन में कितनी वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है? बिहार के सांसदद्वय वैद्यनाथ प्रसाद महतो और राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने पेट्रोलियम मंत्री से पूछा है कि क्या कच्चे तेल के उत्खनन के लिए तेल तथा प्राकृतिक गैस निगम तथा भारतीय तेल लिमिटेड को 1990 से पूर्व तथा इसके बाद तेल ब्लॉक आवंटित किए गए थे?कितने तेल ब्लॉक आबंटित किए गए थे तथा प्रत्येक तेल ब्लॉक में अनुमानित रूप से कितना तेल भंडार था ? सांसद घनश्याम अनुरागी ने पेट्रोलियम मंत्री से पूछा है कि क्या सरकार की उत्तर प्रदेश के जालौन, झांसी, भोगनीपुर तथा कानपुर देहात क्षेत्रों में नए सीएनजी स्टेशन खोलने की कोई योजना है?
पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी और बलिया के सांसद नीरज शेखर ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्री से पूछा है कि क्या सरकार ने देश में शीतागारों की क्षमता बढ़ाने के लिए कोई कार्य योजना तैयार की है और 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान उक्त प्रयोजन में राज्यवार कितनी धनराशि आवंटित की गई? क्या सरकार शीतागार स्थापना में निजीक्षेत्र के निवेश को भी बढ़ावा देना चाहती है? उत्तर प्रदेश के सांसद मिथिलेश कुमार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री से यह बताने की मांग की है कि केंद्र सरकार द्वारा गत तीन वर्षें के दौरान राज्यों को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए राज्यवार कितनी वित्तीय सहायता प्रदान की गई? क्या खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के परिणामस्वरूप किसानों को आर्थिक रूप से लाभ प्राप्त हुआ है? क्या सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए मौजूदा ऋण सीमा में वृद्धि करने पर विचार कर रही है, यदि हां तो ऋण सीमा में राज सहायता का भाग कितने प्रतिशत होगा?

पीएम से आज सांसद कुसुम राय के सवाल



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सांसद कुसुम राय ने आज गुरुवार को प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह से जानना चाहा है कि क्या सरकार परमाणु दायित्व विधेयक लाने के संबंध में विचार कर रही है, जिससे विदेशी परमाणु कंपनियों को भारत में परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की अनुमति मिल जाएगी? श्रीमती राय ने पीएम से ये भी जानना चाहा है कि प्रस्तावित विधेयक के कब तक लागू हो जाने की संभावना है? जल संसाधन मंत्री सांसद सुशीला तिरिया के इस सवाल का जवाब देंगे कि क्या यह सच है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित अनेक शहरों में जल का स्तर बहुत तेजी से नीचे जा रहा है? सरकार इस संबंध में क्या एहतियाती कदम उठा रही है? आज रविशंकर प्रसाद का सवाल होगा कि क्या यह सच है, चीन के राष्ट्रपति ने भारत से अपील की है कि दोनों देशों को पिछली घटनाओं को भुलाकर भविष्य में एक साथ मिलकर कार्य करना चाहिए? क्या सरकार की ओर से भी इस अपील पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है? सांसद जयप्रकाश नारायण सिंह ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री से जानना चाहा है कि क्या कुछ टेलीकॉम कंपनियां गलत जानकारी देकर लाइसेंस प्राप्त कर लेती हैं और बाद में निवल मूल्य, रोल आउट, पर्याप्त इक्विटी, लॉक-इन पीरियड आदि से संबंधित शर्तें पूरी करने में असफल रहती हैं और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से बिना कोई अनुमोदन प्राप्त किए विदेशी इक्विटी ले आती हैं? उन्होंने ये भी पूछा है कि क्या विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के अनुमोदन के बिना विदेशी इक्विटी लाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा नहीं हो जाएगा, और हां, तो ये सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है कि रोल आउट सहित लाइसेंसिंग शर्तों में दिए गए मानदंडों को पूरा करने से पूर्व इन कंपनियों को विदेशी इक्विटी लाने की अनुमति नहीं दी जाए? इनके अलावा मुजफ्फरनगर के सांसद अमीर आलम खान, भाजपा के सांसद प्रभात झा आदि के सवालों के जवाब भी आज संबंधित मंत्री सदन में प्रस्तुत करेंगे। राज्यसभा में आज शहरी विकास मंत्रालय के लिए एस.जयपाल रेड्डी, जल संसाधन मंत्रालय के लिए पवन कुमार बंसल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के लिए वी नारायण सामी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के लिए डी.नेपोलियन और जल संसाधन मंत्रालय के लिए विंसेंट पाला पृथक सूची में दर्ज पत्रों को सदन के पटल पर रखेंगे। प्रस्तुत पत्रों संबंधी समितियों के प्रतिवेदन सांसद संतोष बागडोदिया, जाबिर हुसैन, शादीलाल बत्रा, सत्यव्रत चतुर्वेदी, वीरपालसिंह यादव, डॉ.प्रभा ठाकुर, परवेज हाशमी, अमीर आलम खान, सीताराम येचुरी, वृंदा करात आदि को पेश करने हैं।

Wednesday, April 21, 2010

लोकसभा में आज सबसे ज्यादा गूंजेंगे यूपी के 25 सांसदों के सवाल



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लोकसभा में आज बुधवार को भाजपा सांसद डॉ.मुरली मनोहर जोशी, शाहनवाज हुसैन, मेनका गांधी, वरुण गांधी आदि ने अपने सवालों के जवाब मांगे हैं। बिजनौर के दोनों सांसदों ने मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल से शिक्षा संबंधी प्रश्न किए हैं। आज सबसे ज्यादा यूपी के ही अकेले कुल 25 सांसदों के सवालों से सदन को रू-ब-रू होना है।
21 अप्रैल को लोकसभा में विभिन्न सांसदों ने मानव संसाधन विकास, योजना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन, जल संसाधन, प्रवासी भारतीय कार्य, संसदीय कार्य, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, विदेश, पर्यावरण और वन, पृथ्वी विज्ञान, संस्कृति, कोयला, परमाणु ऊर्जा मंत्रालय से अपने सवालों के सविस्तार जवाब मांगे हैं। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 25 सांसदों ने सवाल उठाए हैं। आज लोकसभा में उठने वाले इन सवालों के साथ यह भी एक अजीब संयोग होगा कि बिजनौर के दोनों सांसदों सपा के इंजीनियर यशवीर सिंह और रालोद के संजय सिंह चौहान के सवाल लोकसभा में अपनी जवाबदेही चाहेंगे और दोनों ही सांसदों ने मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल से जवाब मांगे हैं। धामपुर के सांसद इंजीनियर यशवीर सिंह ने मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल से ही सवाल किया है कि विवेकाधीन कोटे के अंतर्गत वर्ष 2009-2010 अर्थात 1 मार्च 2009 से 31 अक्तूबर 2009 के दौरान कितने विद्यार्थियों को केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश दिया गया? तत्संबंधी ब्योरा क्या है? गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले कितने बच्चों को इन विद्यालयों में प्रवेश दिया गया है? संजय सिंह चौहान ने मानव संसाधन मंत्री से पूछा है कि क्या सरकार को पता है, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक अक्सर लापता रहते हैं तथा पढ़ाई-लिखाई नहीं हो रही है? इस संबंध में सरकार क्या कर रही है? पिछले तीन वर्षों में हर साल तथा चालू वर्ष में इसके लिए सरकार द्वारा राज्यवार कितना धन दिया गया है तथा उसमें से कितना व्यय हुआ है? उत्तर प्रदेश से ही जौनपुर के बसपा सांसद धनंजय सिंह और आंवला की भाजपा सांसद मेनका गांधी के सवाल- जल संसाधन मंत्रालय से हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या राष्ट्रीय भूभौतिकी संस्थान, हैदराबाद ने देश के विभिन्न भागों में तेजी से घटते भू-जल स्तर के बारे में कोई अध्ययन कराया है? मानव संसाधन मंत्री से मेनका गांधी ने पूछा है कि क्या विश्व बैंक ने भारतीय निर्माण उद्योग में सिविल इंजीनियरिंग स्नातकों और डिप्लोमा धारकों सहित कुशल जनशक्ति में संभावित कमी के संबंध में कोई अध्ययन कराया है? देश में इस समय कितने सिविल इंजीनियरिंग स्नातक और डिप्लोमाधारक हैं? इलाहाबाद से रेवती रमन सिंह ने पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश से पूछा है कि देश में पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत कुल कितनी योजनाएं चलाई जा रही हैं? बनारस से भाजपा सांसद डॉ.मुरली मनोहर जोशी ने पृथ्वी विज्ञानमंत्री से पूछा है कि क्या सरकार प्रतिवर्ष आने वाले मानसून की समग्र स्थिति के बारे में अध्ययन कराती है तथा इसके बारे में अपने निष्कर्ष और पूर्वानुमान बताती है? साथ ही उन्होंने पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश से पूछा है कि क्या सरकार ने मोनसैंटो इंडिया को आनुवांशिक रूप से परिवर्धित बीजों तथा अन्य कृषि आदानों के कारोबार की अनुमति दी है? उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में वृद्ध लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और इसका कोई सर्वेक्षण कराया गया है? बदायूं से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या योजना आयोग देश में गरीबी का आकलन कार्य करता है? पीलीभीत से भाजपा सांसद फिरोज वरुण गांधी ने मानव संसाधन विकास मंत्री से जानना चाहा है कि क्या सरकार का विचार मान्यता मांगने वाले स्कूलों के लिए स्कूल भूमि का आकार तथा स्वामित्व, प्रति बच्चा उपलब्ध वास्तविक स्थान, स्कूल के लिए अग्निशमन प्रमाण पत्र तथा प्रयोगशालाएं जैसे अवसंरचनात्मक मानदंड विनिर्दिष्ट करने का है और इस दिशा में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? भदोही से बसपा सांसद गोरखनाथ पांडेय ने विदेश मंत्री से पूछा है कि क्या अपराधियों/जनप्रतिनिधियों को पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है? सपा सांसद श्रीमती सुशीला सरोज ने प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि देश में वे 26 केंद्रीय भंडार शाखाएं कहां-कहां हैं, जहां लैंडलाइन टेलीफोन सुविधा नहीं की गई है और इसकी क्या वजह रही है? सांसद डॉ.विनय कुमार पांडेय ने कोयला मंत्री से जानना चाहा है कि क्या कोयला मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के बीच कर्नपुरा कोलफील्ड का विवाद सुलझा लिया गया है? मेरठ से भाजपा राजेंद्र अग्रवाल ने विदेश मंत्री से सवाल किया है कि क्या संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंगीकृत भाषाओं की सूची में हिंदी को शामिल करने के लिए धनराशि की आवश्यकता है? सांसद गोरखप्रसाद जायसवाल ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि ऐतिहासिक स्थलों के रख-रखाव का कार्य कर रही निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए क्या मानदंड/शर्त निर्धारित की गई है और क्या संरक्षण कार्य करने के दौरान इन कंपनियों द्वारा उक्त शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है? सुल्तानपुर से कांग्रेस सांसद डॉ.संजय सिंह ने विदेश मंत्री से यह बताने की मांग की है कि क्या सरकार ने अन्य देशों में स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों के कार्यकलापों की समीक्षा की है और उस समीक्षा के आलोक में क्या कदम उठाए गए हैं? सांसद घनश्याम अनुरागी ने पूछा है कि सरकार इंजीनियरिंग (गेट) के माध्यम से इंजीनियरिंग कालेजों में एमटेक कर रहे छात्रों को वजीफा देती है? राजकुमारी रत्ना सिंह और इज्यराज सिंह ने जलसंसाधन मंत्री से पूछा है कि क्या मंत्रालय ने विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए अतिरिक्त धनराशि मांगी है? साथ ही रत्नासिंह ने मानव संसाधन मंत्री से पूछा है कि क्या मिडडे मील को काले बाजार में बेंचा जा रहा है? इनके अलावा सांसद कौशलेंद्र कुमार, नीरज शेखर, पीएल पुनिया, दारासिंह चौहान, श्रीमती उषा वर्मा, भीष्मसंकर उर्फ कुशल तिवारी, योगी आदित्यनाथ, पकौड़ी लाल, प्रो.रमाशंकर और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के सवालों के जवाब भी आज लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने हैं।
उत्तराखंड से कांग्रेस सांसद सतपाल महाराज के सवाल के अलावा इसी पार्टी के सांसद केसी सिंह बाबा ने पर्यावरण एवं वन मंत्री से पूछा है कि क्या देश में पशुओं एवं पक्षियों की कुछ प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और इस दिशा में सरकार क्या कदम उठा रही है? मध्यप्रदेश से ग्वालियर की सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि क्या राज्य सरकारों की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति द्वारा राज्य सरकारों, केंद्र सरकार और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों में आरक्षित पदों पर नियोजन के लिए आरक्षण के उपयोग के संबंध में राष्ट्रीय स्तर के अध्ययन के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? इसके अलावा सांसद प्रदीप मांझी, वैद्यनाथ प्रसाद महतो, अर्जुन मुंडा, के.डी.देशमुख, कुमारी सरोज पांडेय, वीरेंद्र कश्यप, देवजी एम.पटेल, सुमित्रा महाजन, बालकुमार पटेल आदि के सवालों के जवाब भी आज लोकसभा में दिए जाएंगे। राजस्थान से रघुवीर सिंह मीणा ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या सरकार का विचार आगामी राष्ट्र मंडल खेल 2010 के मद्देनजर दिल्ली में स्थित विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों को नया रूप प्रदान करने का है? क्या कुतुब मीनार, लाल किला, सफदरगंज मकबरे जैसे स्मारकों में पेयजल व जलपान, पार्किंग आदि की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं? विदेश में रह रहे भारतीयों के लिए सरकार क्या सुरक्षा उपाय कर रही है? इनके अलावा इज्यराज सिंह, खिलाड़ी लाल बैरवा, शीशराम ओला, भरतराम मेघवाल, डॉ.किरोड़ीलाल मीणा, अर्जुन राम मेघवाल, लालचंद कटारिया के सवालों के जवाब भी आज दिए जाएंगे। बिहार से राजग सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह ने प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री से पूछा है कि क्या सरकार के ध्यान में यह बात आई है कि आस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में रह रहे भारतीय नागरिक स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं? प्रो.रंजन प्रसाद यादव ने प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री से पूछा है कि गत तीन वर्षों में प्रत्येक वर्ष के दौरान अनिवासी भारतीयों के वैवाहिक विवाद से संबंधित कितनी शिकायतें मंत्रालय को प्राप्त हुई हैं? सैयद शाहनवाज हुसैन ने विदेश मंत्री से पूछा है कि क्या यह सच है कि चीन ने हिमालय क्षेत्र में एक स्थल ग्रेट बेंड पर सुरंग खोदकर ब्रह्मपुत्र नदी के रुख को मोड़ने संबंधी एक महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रहा है, इसके बारे में सरकार क्या कोई कदम उठा रही है?
इनके अलावा सांसद भूदेव चौधरी, उदय सिंह, श्रीमती रमादेवी, अंजनकुमार एम.यादव,पूर्णमासी राम,जगदानंद सिंह,कै.जयनारायण प्रसाद निषाद,राधामोहन सिंह,रामसुंदर दास,राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और माहेश्वर हजारे ने भी आज अपने सवालों के जवाब चाहे हैं। हरियाणा से कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने संसदीय कार्य मंत्री से जानना चाहा है कि क्या मंत्रालय द्वारा विशेषकर विश्वविद्यालयों तथा जवाहर नवोदय विद्यालयों में युवा संसद प्रतियोगिता योजना की समीक्षा की गई है? श्रीमती श्रुति चौधरी प्रधानमंत्री से हरियाणा के संरक्षित स्मारकों का विगत दो वर्षों का स्थानवार ब्योरा मांगा है। कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने पर्यावरण मंत्री से जानना चाहा है कि जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी की क्या शक्तियां हैं तथा रिव्यू कमेटी ऑन जेनेटिक मैनीपुलेशन का अधिदेश क्या है?

रैली आज और भाजपा पसीने-पसीने



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महंगाई के खिलाफ भाजपा की आज दिल्ली में राष्ट्रीय रैली हो रही है और पार्टी के वरिष्ठ नेतागण एवं सांसद संख्या बल को लेकर पसीने-पसीने हो रहे हैं। पहले बता रहे थे कि 25 लाख लोग आएंगे। फिर कहा गया कि दस लाख। अब कहा जा रहा है कि आज 5 लाख लोग आएंगे। बहरहाल, 21 अप्रैल को रामलीला मैदान में सभा के बाद रैली संसद की ओर कूच कर जाएगी।
महंगाई के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में आज होने वाली पार्टी की महारैली के बारे में बताया गया है कि रामलीला मैदान में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संबोधन के बाद यह रैली संसद भवन की ओर कूच करेगी। उम्मीद जतायी गई है कि महंगाई के मुद्दे पर संसद का घेराव करने के लिये देश भर से बड़ी संख्या में लोग आएंगे। दिल्ली में पड़ रही गर्मी और बढ़ते पारे ने बीजेपी नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है। दरअसल, इन नेताओं को चिंता है कि रामलीला मैदान में भारी तादाद में लोगों को लाने की उसकी रणनीति पर कहीं गर्मी ही पानी न फेर दे। हालांकि हल्की बारिश से पार्टी ने राहत की सांस ली थी, लेकिन गर्मी फिर बढ़ती जा रही है। इसी वजह से पार्टी नेताओं ने रैली में आने वाले कार्यकर्ताओं को धूप से बचाने के लिए इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। कार्यकर्ताओं के लिए टोपी से लेकर पानी के इंतजाम करने में वह जुटी हुई है। ऐसा व्यवस्था की कोशिश की भी जा रही है कि कार्यकर्ताओं को ज्यादा न चलना पड़े। अब पार्टी का दावा है कि रैली में पांच लाख लोग जुटेंगे, हालांकि रामलीला मैदान की क्षमता इससे कहीं कम है। पार्टी की कोशिश है कि गर्मी की मार का असर उसकी रैली पर नजर न आए। पार्टी महासचिव और रैली के कॉर्डिनेटर विजय गोयल का कहना है कि पार्टी ने पूरे इंतजाम किए हैं। तय किया गया है कि रामलीला मैदान को टेंट से कवर किया जाए। साथ ही, जैसे ही कार्यकर्ताओं के वाहन दिल्ली में एंट्री करेंगे, उन्हें धूप से बचने के लिए टोपियां दी जाएंगी। रामलीला मैदान के आसपास तो पानी के टैंकर लगाए ही जा रहे हैं, साथ ही जगह-जगह पानी के पाउच मुहैया कराने की भी कोशिश रहेगी। विभिन्न जिलों से ये पाउच मंगाए गए हैं। रामलीला मैदान की ओर जाने वाली सड़कों पर पानी के एक सौ से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके अलावा ओआरएस और ग्लूकोज की व्यवस्था भी होगी। ठहरने व्यवस्था अजमल खां पार्क में खुले में इंतजाम करने के अलावा कुछ धर्मशालाएं भी बुक हैं। उधर, रैली के कारण रेलवे मालामाल हो रहा है। राजधानी में भीड़ के माध्यम से अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में लगी भाजपा ने लगभग तीन दर्जन ट्रेन और दो सौ से अधिक बोगियों की बुकिंग कराई है। भीड़ के लिए पार्टी नेता पूरी ताकत झोंक दिए थे। भीड़ को लेकर महाराष्ट्र सबसे आगे माना जा रहा है। वहां से लगभग 14 ट्रेन बुक कराई गई थीं। मप्र से तीन ट्रेन तथा दो दर्जन बोगी बुक हुईं और छत्तीसगढ़ के 38 बोगी। सबसे अधिक जोर दिल्ली से जुड़े राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उप्र पर रहा। मंगलवार देर रात तक पार्टी नेता रैली की व्यवस्थाओं में व्यस्त रहे। उधर, रैली सफल बनाने के लिए दिल्ली के मेयर तथा अन्य पदाधिकारियों का चुनाव दो दिन के लिए टाल दिया गया है। रैली को सफल बनाने के लिए यह जरूरी हो गया था।

Sunday, April 18, 2010

भोजपुरी के अश्लील गीतों पर प्रहार करे मीडियाः मालिनी अवस्थी



भोजपुरी की मशहूर गायिका मालिनी अवस्थी का कहना है कि मीडिया यदि अश्लील भोजपुरी गानों को हतोत्साहित और अच्छे गानों को प्रोत्साहित करे तो बेहतर प्रतिभाओं को देश-विदेशों में नाम रोशन करने का मौका मिलेगा। भोजपुरी के प्रमुख गायकों का कहना है कि इस भाषा के कुछ गीतों में अश्लीलता का स्तर अब इस हद तक बढ़ गया है कि इससे गीतों का माधुर्य और भाषा का लालित्य एकदम खत्म हो चला है। भोजपुरी की विख्यात गायिका मालिनी अवस्थी ने भाषा के साथ बातचीत में कहा कि किसी भी भाषा के लोकगीतों की तरह भोजपुरी गीतों में भी लोकजीवन का प्रचुर माधुर्य है। लेकिन व्यावसायिक तत्वों के हावी होने के कारण ऐसे गीतों को अधिक महत्व दिया जाने लगा है, जिनमें अश्लीलता भरी है। भोजपुरी लोकगीतों को मूलत: चार श्रेणियों संस्कार गीत, रितुपरक गीत, श्रम आधारित सामूहिक गीत और जातीय गीत में वर्गीकृत किया जा सकता है। इनमें कुछ जातीय गीतों को छोड़कर बाकी सभी में लोकजीवन की सोंधी गंध भरी हुई है। तात्कालिक लाभ के कारण कुछ तत्व जानबूझ कर ऐसे गीतों को पेश कर रहे हैं जिनमें अश्लीलता का बोलबाला है, लेकिन इससे यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भोजपुरी भाषी सिर्फ ऐसे ही गीतों को पसंद करते हैं। भोजपुरी भाषी लोगों में अच्छा संगीत सुनने की बेहद ललक है। हाल में एक निजी टेलीविजन चैनल के संगीत प्रतियोगिता कार्यक्रम में वह निर्णायक की हैसितय से गयी थीं और वहां उन्होंने देखा कि कई नयी प्रतिभाएं भोजपुरी में उभरकर सामने आ रही हैं। यदि मीडिया में इन प्रतिभाओं को मौका मिले तो अश्लील गानों पर अपने आप रोक लगेगी।

Wednesday, March 24, 2010

मुलायम का बयान तालिबानीः अमर



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महिलाओं के आरक्षण को लेकर मुलायम सिंह यादव के बयान को ‘तालिबानी’ करार देते हुए सपा के पूर्व महासचिव अमर सिंह ने राष्ट्रीय महिला आयोग से सपा अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर देशव्यापी बहस कराने की आज मांग की। अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह का यह बयान घिनौना, हास्यास्पद और अपमानजनक है कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने से लोकसभा और विधानसभाओं से पुरुष गायब हो जाएंगे और उनके स्थान पर ऐसी महिलाएं आएंगी जिन्हें देख कर लोग सीटी बजाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस तालिबानी बयान की भर्त्सना और निंदा करता हूं। यह बयान घिनौना, हास्यास्पद और महिलाओं का अपमान करने वाला है। मैं महिला आयोग से मांग करता हूं कि इस टिप्पणी पर पूरे देश में बहस हो। गौरतलब है कि सपा मुखिया ने महिला आरक्षण विधेयक के मौजूदा प्रारूप पर अपना विरोध दोहराते हुए कल लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा था कि यदि विधेयक इसी रूप में पारित हो जाता है तो इससे आम महिलायें नहीं बल्कि उद्योगपतियों और अधिकारियों के घरों की महिलाएं और लड़कियां ही लोकसभा और विधानसभाओं में चुन कर जाएंगी। उन्होंने यहां तक कह डाला था कि ‘मैं यह कहना तो नहीं चाहता, मगर ये महिलाएं वही होंगी जिन्हें देखकर लड़के सीटियां बजायेंगे।‘

Wednesday, March 17, 2010

सांसद डी राजा केंद्र सरकार पर बरसे



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देश में महंगाई को सबसे ‘ज्वलंत’ मुद्दा बताते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि स्थिति का पता होने के बावजूद वह कार्रवाई नहीं करना चाहती। भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि देश में आज महंगाई सबसे ज्वलंत मुद्दा है। लोग सोचते हैं कि सरकार महंगाई की समस्या का हल करने के तरीके तलाशने के लिहाज से अंधेरे में है, लेकिन यह बात सही नहीं है। जो लोग सत्ता में हैं, उन्हें पता है कि देश में क्या हो रहा है लेकिन वे कार्रवाई नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि के बोझ से दबी जनता की भावना को समझने की जरूरत है क्योंकि उसकी नाराजगी अब निराशा में बदलने लगी है। डी. राजा ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में थोक बिक्री मूल्य इन्डेक्स और उपभोक्ता मूल्य इंडेक्स के बीच खाई की बात स्वीकारी गयी है। समीक्षा जीडीपी विकास दर के 7.2 प्रतिशत तक रहने की बात करती है, तो वह (सरकार) जीडीपी दर हासिल करके खुश है लेकिन वह जनता की तकलीफ को लेकर चिन्तित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था और नव उदारवाद के नाम पर यह सरकार अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने में विफल रही है। उल्लेखनीय है कि खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के खिलाफ वाम दलों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विगत शुक्रवार को राजधानी में प्रदर्शन किया था। इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दी थी, जहां वाम दलों के सांसद इस मसले पर दोनों सदनों से वाकआउट कर गए थे। लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसदों ने भी उनके साथ वाकआउट किया था, जबकि भाजपा, राजद, बसपा व बीजद ने उनका समर्थन किया था। उनकी मांग थी कि सरकार महंगाई पर श्वेत-पत्र जारी करे।



पूर्व सांसद-अभिनेता धर्मेंद्र अस्पताल में


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राजस्थान
से भाजपा के सांसद रह चुके मशहूर फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र कुमार को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में वह चंडीगढ़ पहुंचे थे कि तबीयत खराब हो गई। बताया जाता है कि उम्रदराज नेता-अभिनेता (वीरू) को शारीरिक कमजोरी के कारण हास्पिटलाइज कराना पड़ा है। उन्हें कल रात भर्ती कराया गया। फिलहाल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक की उनकी देखभाल कर रहे हैं। बीच-बीच में उनके स्वास्थ्य की जांच भी चल रही है। उम्मीद जताई गई है कि उन्हें आज ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। की पीजीआईएमईआर में आये। उन्हें निगरानी में रखा गया है और डॉक्टरों का एक दल जांच कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि धमेर्ंद्र की हालत अब बेहतर है और आज शाम तक उन्हें छुट्टी दी जा सकती है।

भाजपा ने कहाः नहीं, हरगिज नहीं!



बजट पर कटौती प्रस्ताव लाने पर अडिग (sansadji.com)

संसद में संख्या बल से जूझ रही सरकार को घेरने कीकवायद में भाजपा ने आज ऐलान किया कि वह बजट परकटौती प्रस्तावपेश करेगी और परमाणु दायित्व विधेयकके मौजूदा स्वरूप को हरगिज मंजूरी नहीं देगी। भाजपा कीवरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराजका कहना है कि अन्य दलों द्वारा लाये गये कटौती प्रस्तावों का समर्थन क्यों, हम तो स्वयं कटौती प्रस्ताव लाएंगे।हम दोहराते हैं कि हम स्वयं कटौती प्रस्ताव लाएंगे। मीडिया ने उनसे पूछा था कि सरकार की घेराबंदी की कवायदके तहत बजट सत्र के दूसरे चरण में विरोधी दलों द्वारा लाये जाने वाले कटौती प्रस्तावों का क्या भाजपा समर्थनकरेगी? उन्होंने कहा कि यह कहा जा रहा था कि महिला विधेयक के बहाने सरकार विपक्ष की एकता तोड़ने मेंकामयाब हो गयी है लेकिन इस विधेयक के फौरन बाद संसद में ही हमने दिखा दिया कि यह सचाई नहीं है। विपक्षपूरी तरह एकजुट है। यह अलग बात है कि महिला विधेयक पर उसमें एक राय नहीं है।

Tuesday, March 16, 2010

बड़बोलेपन में सांसद सत्यव्रत का फिर पद छिना



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उत्तराखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी को पार्टीमहासचिव पद से हटा दिया गया है। उन्हें राकांपा प्रमुख एवं केंद्रीयकृषि मंत्री शरद पवार के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणी करने केआरोप में पदमुक्ता किया जाना बताया जाता है। इससे पहले भीसत्यव्रत चतुर्वेदी ने पिछले महीने हुई कांग्रेस कार्यसमितिसीडब्ल्यूसी) की बैठक में महँगाई के मुद्दे पर पवार पर परोक्ष रूप सेतीखे प्रहार किए थे। उस समय पवार पर टिप्पणी करने वालों मेंकेन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और पार्टी के वरिष्ठ नेता आरके धवनका भी नाम आया था। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बैठक में पवार का नाम नहींलिया, लेकिन यह स्पष्ट संदेश दिया कि कृषि तथा अन्य संबंधितमंत्रालयों को ठीक ढंग से संभाला नहीं जा रहा है। सपा अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव की भी श्री चतुर्वेदी से पुरानीनाराजी बताई जाती है। मुलायम ने पिछले साल कांग्रेस-सपा की नजदीकियों में सत्यव्रत को विघ्नसंतोषी करारदेते हुए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गाँधी और प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा थाकि सत्यव्रत चतुर्वेदी के बयानों और आरोपों से ऐसा लगता है कि वे सपा से गठजोड़ जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं।मेरे खिलाफ कांग्रेस के कुछ नेता लगातार अखबारों में खबरें छपवा रहे हैं। मुझ पर तरह-तरह के आरोप लगाए जारहे हैं। कह रहे हैं कि मैं उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने की कोशिश कर रहा हूँ।
कांग्रेस में फेरबदल शुरू हो गया है। तभी सत्यव्रत को प्रवक्ताओं के पैनल से इसलिए हटा दिया गया था कि सपामहासचिव अमरसिंह को लेकर उनके बयान से प्रधानमंत्री मनमोहन बेहद खफा हो गए थे। कुछ माह पहले चतुर्वेदीने जब अमर को अपना इलाज कराने वाला बयान दिया था तब खुद अमर ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से की थी।उन्होंने सत्यव्रत को सहयोगी दलों के नेताओं पर ऐसी टिप्पणियाँ करने की सलाह दी थी लेकिन सत्यव्रत नेफिर ऐसा ही बयान दे दिया। सपा नेता फिर भड़क उठे। अमर ने मनमोहन सोनिया से आपत्ति दर्ज कराई। अबएक बार फिर अपने बयान के चलते ही सत्यव्रत को पदमुक्त किया गया है।

मालदार माला का 'माली' कौन, जांच होगी



अब तो बुधवार को बहनजी ने अपने सांसदों की बैठक बुला ली
संसद में माला-माला की चीख पर आयकर जांच की दिलासा

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बसपा की महारैली में मुख्यमंत्री मायावती के गले आफत पड़ी कि माला, अब आयकर विभाग जांच करने वाला है।संसद में तो ऐसी माला-माला की चीख-पुकार मची कि 12 अप्रैल तक स्थगित हो गई। चलो कुछ नहीं तो यही सही।उधर, कल बहनजी ने अपने आला सिपहसालारों की माला पर मीटिंग तलब कर ली है।
कोई कह रहा है कि माला में एक-एक हजार के नोट थे, कोई कुछ कह रहा, कोई कुछ। बसपा कह रही है, नहीं-नहीं, माला में सिर्फ 21 लाख रुपये गुंथे थे। संसद में माला-माला जपते हुए निशाना साध दिया गया। कहने वाले कहते हैंकि माला में 5 से 10 करोड़ रूपये तक गुंथे हुए थे। लोकसभा में सपा, कांग्रेस, भाजपा और जदयू सदस्यों ने भारीहंगामा किया। विपक्ष दल मायावती के गले में नोटों की माला डाले जाने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहतकार्रवाई किए जाने की मांग उठा रहे थे। भारी शोरगुल के सदन को दो बार स्थगित किया गया और बाद में बैठकअप्रेल तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा के बजट सत्र के पहले दौर का मंगलवार को अंतिम दिन था।दूसरा दौर 12 अप्रेल से शुरू होना है, जिसके बाद यह 7 मई तक चलेगा। सदन में शून्यकाल के दौरान सपा औरकांग्रेस सदस्यों ने माया की माला के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनकीपार्टी के सांसदों और कांग्रेस के जगदम्बिका पाल को कहते सुना गया कि मायावती
12 को कथित तौर पर नोटों का जोहार पहनाया गया, उसकी कीमत 10 से 15 करोड़ रूपए के बीच बीच है। भारी शोरगुल के बीच इन सदस्यों नेमामले की जांच कराने की मांग की और कहा सरकार पता लगाए कि यह धन कहां से आया। उधर, बहनजी नेमाला मुद्दे पर अपने मंत्रियों और बसपा सांसदों की बुधवार 12 बजे अपने आवास पर बैठक बुला ली है। अंदेशाकार्रवाई का भी हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो लोगों को और कहने का मौका मिल सकता है।

सांसद अल्वी के बयान से संसद में सनसनी



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सांसद मेनका गांधी की तरह आज कांग्रेस सांसद राशिद अल्वी ने भी राज्यसभा को बताया कि उन्हें गाजियाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन वह बरेली दंगे की जांच नहीं, उसका विरोध करने जा रहे थे। उन्होंने ये कह कर सदन में सनसनी फैला दी कि दंगापीड़ित बरेली से लड़कियों को उठाकर ले जाया जा रहा है। इस दंगे की न्यायिक जांच होनी चाहिए। शून्यकाल में सबसे पहले सपा सांसद रामगोपाल यादव, फिर भाजपा के सांसद विनय कटियार ने बरेली दंगे का मामला उठाया। उपसभापति के मना करने के बावजूद कटियार अपनी बात कहने से नहीं रुके। तभी उसी बीच में सपा सांसद कमाल अख्तर भी कुछ कहने लगे। सभापति ने उन्हें भी चुप कराने की कोशिश की। इन सबके बाद अल्वी ने कहा कि वह आज में बरेली जा रहे थे। गाजियाबाद में बरेली के कलक्टर के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया गया। मैं जानना चाहता हूं कि क्या गाजियाबाद में बरेली के जिलाधिकारी का आदेश चलता है। इसके बाद अल्वी ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर प्रहार करना शुरू किया। रैली के खर्चे की बात उठा दी।

मीडिया मनुवादी रंग-ढंग छोड़ देः बसपा



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मुख्यमंत्री मायावती को कथित करोड़ों रुपये के नोटों काहार भेंट किए जाने पर उठे विवाद को मीडिया के मनुवादीसोच का नतीजा बताया गया है। भाजपा सांसद लालजीटंडन का भी कहना है कि मायावती को कीमती तोहफादिया जाना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ऐसा होतारहा है। इसकी जांच का क्या मतलब है। सब कुछजगजाहिर है। जांच की बात बेमानी है। बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह का कहना है कि संसद में महंगाई जैसेअहम मुद्दे पर ठोस चर्चा की बजाय बसपा के रजत जयंती समारोह में पार्टी अध्यक्ष मायावती को माला भेंट किए जाने को लेकर बवाल किया जा रहा है। सरकारी पैसे का कतई दुरुपयोग नहीं किया गया। साराइंतजाम पार्टी के प्रति आस्था रखने वाले लोगों ने किया था। सभी को परेशानी इस बात पर हो रही है कि प्रधानमंत्रीपद की दावेदार दलित की बेटी को वह माला भेंट की गई है। किसी इटैलियन को माला पहनाई जाती तो किसी कोकोई परेशानी नहीं होती। उन्होंने मीडिया से कहा कि आप लोग भी मनुवादी मानसिकता छोड़ दीजिए।

संसद में गूंजी मायावती की माला



सदन में मुलायम और जगदंबिका पाल ने कहा- माला 15 करोड़ की

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उत्तर प्रदेश में कल कांशीराम जयंती और बहुजन समाज पार्टी की रजत जयंती के अवसर पर पार्टी प्रमुख मायावती को कथित तौर पर करोड़ों रूपये का नोटों का हार भेंट किए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में आज सपा, कांग्रेस, भाजपा और जदयू सदस्यों के भारी हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक स्थगित कर दी गयी। लोकसभा के बजट सत्र के पहले चरण का आज अंतिम दिन था। सत्र का दूसरा चरण बारह अप्रैल से शुरू होना है और यह सात मई तक चलेगा। सदन में शून्यकाल के दौरान सपा और कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया, जिससे अध्यक्ष मीरा कुमार को सदन की बैठक 45 मिनट के लिए दोपहर एक बजे तक स्थगित करनी पडी। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सहित उनकी पार्टी के सांसदों और कांग्रेस के जगदम्बिका पाल को कहते सुना गया कि मायावती को कथित तौर पर नोटों का जो हार पहनाया गया, उसकी कीमत दस से 15 करोड़ रूपये के बीच है। भारी शोरगुल के बीच इन सदस्यों ने मामले की जांच कराने की मांग की और कहा सरकार पता लगाये कि यह धन कहां से आया।

बलात्कार नहीं, यौन उत्पीड़न कहिए!



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सदन में प्रस्तुत हो चुके अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) संशोधनविधेयक की जुबानी अब अपराध जगत, पुलिस जगत और देश-समाजमें नए स्वर गूंजने वाले हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय भारतीय दंड संहिताआईपीसी) में संशोधन कर इसमें बलात्कार शब्द की जगह यौनउत्पीड़न शब्द को शामिल करने जा रही है। आईपीसी में संशोधन के लिए विधेयक एक पखवाड़े के अंदर तैयार करइसका मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस संशोधन के बाद कानून की नजर में उनपुरुषों को भी पीडि़त माना जा सकेगा, जो यौन शोषण का शिकार हुए हों। लोक सभा में अपराध प्रक्रिया संहितासीआरपीसी) में संशोधन विधेयक पेश किया गया जिसके मुताबिक गंभीर मामलों में पुलिस को इस बात का भीब्योरा देना होगा कि उन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की। आईपीसी में संशोधन के लिए विधेयक एकपखवाड़े के अंदर तैयार कर इसका मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा। आईपीसी कीधारा 375 के इस प्रस्तावित बदलाव के बाद महिलाओं के साथ कुछ अलग तरह के गंभीर यौन अत्याचार औरपुरुषों के साथ दुष्कर्म को भी उतना ही गंभीर माना जाएगा। खास कर बच्चों के खिलाफ बढ़ रही यौन हिंसा के संदर्भमें इस कानून का इस्तेमाल किया जा सकेगा। उधर, लोकसभा में पेश अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) मेंसंशोधन के मुताबिक इसकी धारा पांच की उपधारा एक का इस्तेमाल करते हुए अगर किसी आरोपी को पुलिसगिरफ्तार नहीं करती है तो पुलिस को लिखित तौर पर वह कारण दर्ज करना होगा, जिसकी वजह से आरोपी कोगिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस संशोधन का फायदा गरीब औरअमीर आरोपियों के बीच होने वाले भेद-भाव को दूर करने में मिल सकेगा। अब तक ज्यादातर मामलों में अगरआरोपी गरीब हुआ तो पुलिस उसे झट गिरफ्तार कर लेती है, जबकि अमीर आरोपी के मामले में ऐसा कदम उठातेहुए बचती है, लेकिन नई व्यवस्था के बाद उसे सिर्फ गिरफ्तारी की वजह बतानी होगी, बल्कि गिरफ्तार नहींकरने पर भी वजह पेश करनी होगी। ( (

सदन से लापता 35 सांसदों को नोटिस



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आखिरकार वह नौबत ही गई, जिसका अंदेशा जताया जा रहा था। संप्रगसुप्रीमो के बार-बार संकेत करने, समझाने के बावजूद माननीय लोग खास करकांग्रेस के संसद सदस्य अपनी अनुपस्थिति के स्वभाव में सुधार लाने कोतैयार नहीं थे। अब लोसकभा से गायब ऐसे 35 सांसदों को नोटिस जारी कियागया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बार-बार कहने के बावजूद कांग्रेसी सांसदों के सदन से गायब रहने पर अब पार्टी नेसख्त कदम उठाया है। सोमवार को लोकसभा में परमाणु दायित्व विधेयक पेश किए जाने के समय गायब 35 सांसदों को पार्टी नोटिस जारी करने जा रही है। इनमें कुछ मंत्री भी हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर विधेयकपेश होता और उस पर वोटिंग की जरूरत पड़ जाती तो सरकार को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता था। सूत्रोंने बताया कि पार्टी ने पुरातात्विक इमारतों और विरासत स्थलों के विधेयक को लेकर सांसदों को विप जारी कियाथा। मगर उसके बावजूद सांसदों की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक है। कांग्रेस ने कहा कि सदन में तृणमूल कांग्रेस औरएनसीपी के भी कुछ सांसद मौजूद नहीं थे। ऐसे में सरकार को अभूतपूर्व स्थिति का सामना करना पड़ सकता था।गौरतलब है कि सोनिया ने अभी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सदस्यों के सदन से गायब रहने पर नाराजगीजताई थी।