Monday, May 26, 2008

जहांआरा मर रही है, उसे तुरंत मदद चाहिए

देर रात ईटीवी ने पूरे देश से की गुहार। आगरा में एक मां अपनी बेटी की मौत की दुआ कर रही है। लोहामंडी मेंरहती है वह। तिल-तिल मर रही है।
पैसे की कमी से डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। मां 20-20 रुपये में कुरान पढ़ाकर पैसे जुटा रही है, लेकिन उससेइलाज क्या होगा, घर का खर्चा भी बमुश्किल चल पा रहा है।
जहांआरा की दास्तान आंसुओं के सैलाब में डुबो देने वाली है। जब उसकी सगाई होने वाली थी, वह आग से जलगई। भावी ससुरालियों ने शादी रचाने से इंकार कर दिया।
इसके बाद साल-दर-साल गुजरते गए और मां-बेटी पर मुसीबतों का पहाड़ टूटता गया। मां भी अस्सी की दहलीजपार कर चुकी है। बेटी चारपाई पर पड़ी है।
अब बेवा मां आबिदा की एक ही ख्वाहिश है कि हे खुदा, तिल-तिल मर रही मेरी बेटी को इस दुनिया से उठा ले। मेरेमें इतना दम नहीं कि उसका दवा-इलाज कर सकूं। परवरिश का और कोई चारा नहीं
ईटीवी की अपील पर मुरादाबाद, देहरादून, महाराष्ट्र आदि से कई लोगों ने जहांआरा की मदद में हाथ बढ़ा दिए। सहायताराशि देने के लिए जहांआरा का खाता नंबर भी जारी किया गया।
यदि कोई जहांआरा का सहयोग करना चाहे तो इस नंबर पर ईटीवी से सहयोग संबंधी विस्तृत जानकारी ले सकता है।

2 comments:

Udan Tashtari said...

फोन नम्बर तो दिया नहीं जी.

Nicolas Ford said...

Thankss for the post