Tuesday, March 2, 2010

खुन्नस खत्म, आ रहा है राज्यसभा का भी चैनल जल्द!

उपसभापति रहमान की मंशा पूरी होने के आसार बढ़े
पिछले साल इस लोकसभा अध्यक्ष से हो गई थी अनबन।
उपराष्ट्रपति शेखावत ने भी कर दिया था इनकार






(www.sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)

लोकसभा चैनल तो चल ही रहा है, अब नये राज्यसभा चैनल की शुरूआत संसद के आगामी मानूसन सत्र से होजायेगी। इस प्रस्ताव पर हाल ही में ऊपरी सदन के सभापति एवं उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंजूरी दे दी है। सूत्रोंके अनुसार राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी के नेतृत्व वाली एक समिति ने उपरी सदन के लिए नयाटेलीविजन चैनल शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। फिलहाल किसी ऐसी जगह की तलाश की जा रही है, जहां चैनल की पूरी व्यवस्था अपेक्षित ढंग से की जा सके। एक बार स्थान तय हो जाने के बाद अन्य इंतजामातजल्द कर लिए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार संसद भवन परिसर के भीतर पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं होने के कारणराज्य सभा सचिवालय परिसर के बाहर चैनल स्थापित करने के लिए स्थान तलाश रहा है। सूचना एवं प्रसारणमंत्रालय की परामर्श शाखा बेसिल को चैनल का नेटवर्क स्थापित करने के काम में लगाया गया है। स्थान तय होतेही बेसिल के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी हो जाएगा। समझौते की पूरी रूपरेखा पहले से तैयार है।उल्लेखनीय है कि लोकसभा चैनल पहले से दर्शकों के बीच है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल ये चैनल जल्द लांचकरने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और राज्यसभा के उपसभापति रहमान के बीच कुछ अनबन कीखबरें उड़ी थीं। तब उपसभापति चैनल जल्द लांच करने पर अड़े हुए थे। राज्यसभा सचिवालय और लोकसभासचिवालय के बीच एक अदद चैनल को लेकर ठन गई थी। लोकसभा की तर्ज पर राज्यसभा चैनल पर टाल-मटोलसे राज्यसभा के उपसभापति के रहमान खान नाखुश हो गए थे। फैसले में देरी की वजह से रहमान खान ने मीराकुमार को यहां तक सुझाव दे दिया था कि लोकसभा चैनल में होने वाले खर्चों को आधा-आधा बांट कर राज्यसभा केलिए भी लोकसभा चैनल का नया नामकरण कर प्रसारण का आधा समय राज्यसभा को भी आवंटित कर दियाजाए। इससे सिर्फ खर्च की बचत होगी बल्कि लोगों को दोनों सदनों की प्रमुख कार्यवाही देखने का अवसर मिलसकेगा, लेकिन बात बनी नहीं थी। इस मामले पर रहमान खान और मीरा कुमार के बैठकों के कई दौर चले लेकिनउस समय नतीजा कुछ नहीं निकला था। तब मीडिया में भी ये सुर्खियां खूब उछली थीं। एक हिंदी दैनिक से बातचीतमें उन दिनों रहमान खान ने कहा था कि लोकसभा सचिवालय हमारे निर्णय से सहमत हो या असहमत, राज्यसभाचैनल अब जल्द लांच करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। नए चैनल की प्रक्रिया में दो से चार महीने का समय लगसकता है। उस समय तनातनी की वजह ये बताई गई थी कि हर बात के लिए राज्यसभा सचिवालय को लोकसभासचिवालय के आगे कथित तौर पर हाथ फैलाना पड़ता है। उन दिनों संसदीय परिसर में राज्यसभा सचिवालय केउपर से कैंटीन को अन्यत्र स्थानांतरित करने को लेकर भी लोकसभा सचिवालय के साथ ठन गई थी। भले ही कहनेको राज्यसभा उच्चसदन है लेकिन संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार राज्यसभा की सभी फाइलें बतौर नोडल एजेंसीलोकसभा सचिवालय से होकर ही जाती है। ऐसे में लोकसभा स्पीकर का आदेश ही सर्वोपरि माना गया है। ये भीउल्लेखनीय है कि ये प्रस्ताव सबसे पहले पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरों सिंह शेखावत के कार्यकाल में रखा गया था। उससमय तर्क दिया गया कि लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी की पहल पर करीब 8-10 करोड़ रुपये की लागत सेशुरू किए गए लोकसभा चैनल की तरह राज्यसभा भी अपना एक चैनल शुरू करे, जिसे धीरे-धीरे 24 घंटे का चैनलबना दिया जाए। इस प्रस्तावित चैनल में संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की गतिविधियों के प्रसारण के अलावाबाकी दिनों में सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से जुड़े कार्यक्रमों-खबरों का प्रसारण होना था। तत्कालीन उपराष्ट्रपतिशेखावत की आपत्ति ये रही थी कि संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की गतिविधियों को दूरदर्शन प्रसारित करता हीहै, फिर अलग चैनल की जरूरत क्या है?

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