Thursday, March 4, 2010

महिला आरक्षण बिल पर अभी से विपक्ष तार-तार




(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से साभार)

चल गया कांग्रेस का तीरः महंगाई पर बनी एकजुटता नदारदः गुरुवार की संसद महंगाई का सवाल पीछे छोड़ती हुई सोमवार का सवाल उछाल गई। तय सा हो चला है कि संसद में आने वाला सोमवार हंगामेदार होगा, लेकिन महंगाई मुद्दे की तरह ही निष्फल। लालू कहते हैं युद्ध होगा और मुलायम सिंह यादव सदन में हुड़दंग होने की चेतावनी देते हैं। खबर है कि बीएसपी भी आंख तरेर सकती है। कांग्रेस के तरकस का ये तीर एकजुट विपक्ष में भगदड़ मचा चुका है। आठ मार्च, सोमवार को विश्व महिला दिवस है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कह दिया कि महिला आरक्षण बिल को संसद में आठ को पेश किया जा सकता है। यह खुलासा उन्होंने महंगाई पर बुलाई गई सीपीपी की बैठक में किया। महिला आरक्षण बिल पारित करना यूपीए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल भी सोनिया गांधी के कथन को पुष्ट करते हुए कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को बिल राज्यसभा में लाया जा सकता है। महिला आरक्षण बिल से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण सवाल है, महंगाई के मुद्दे पर एकजुट हुए विपक्ष का पुनः बिखर जाना। बिल के मौजूदा स्वरूप पर कांग्रेस, भाजपा और वामदल, बीजू जनता दल एक सुर होंगे, जबकि सपा, राजद और जद यू विरोधी स्वर में। सूत्रों की मानें तो मौजूदा विपक्षी आक्रमण से आत्मरक्षा के लिए सत्तापक्ष ये सरसंधान करने जा रहा है। पिछले साल संसद में जून में जनता दल (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा था कि अगर महिला आरक्षण बिल पास किया गया तो वह जहर खाकर आत्महत्या कर लेंगे। यह ठीक है कि हमारे पास संख्या बल नहीं है, लेकिन अगर महिला आरक्षण बिल को इसके मौजूदा स्वरूप में पारित किया गया तो मैं यहीं जहर खा लूंगा। वैसे भाजपा ने बिल को लेकर गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष वेंकैया नायडू कहते हैं कि यदि सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति है तो वह विधेयक को संसद में लाए। बीजद सांसद कलीकेश सिंह देव कहते हैं कि हमारी पार्टी विधेयक समर्थक है। राजद प्रमुख महिला आरक्षण बिल को बेकार बताते हुए कहते हैं कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश की राष्ट्रपति महिला हैं, लोकसभा की अध्यक्ष महिला हैं, कांग्रेस अध्यक्ष और संप्रग की अध्यक्ष भी महिला हैं, जो यहां महिला कोटे से नहीं आई हैं। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके सांसद-पुत्र अखिलेश सिंह यादव कहते हैं कि हम बिल का विरोध करेंगे। महिला बिल के जरिए महंगाई मुद्दे पर निर्मम रुख बनाए कांग्रेस विपक्ष को बांटने के साथ महिलाओं को आरक्षण दिलाने का श्रेय हासिल करना चाहती है। सरकार विपक्षी एकता को तोड़ना चाहती है। देश का ध्यान महंगाई और दूसरे जरूरी मुद्दों से हटाना चाहती है। वैसे महिला आरक्षण का विरोध कांग्रेस और भाजपा के अंदर भी है। दोनों पार्टियों के पिछड़े वर्ग के साथ सांसद बिल के विरोधी हैं।संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण इसे पास करवाने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए। पिछले महीने 25 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी थी। इसमें संसद तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। यह बिल संसद के मौजूदा सत्र में इसी हफ्ते पेश किए जाने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट स्थाई समिति द्वारा लौटाए गए इस बिल पर चर्चा कर चुकी है। कैबिनेट ने इसको उसी रूप को मंजूर किया जैसा वह उसके पास आया था। संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण से संबंधित महिला आरक्षण विधेयक पिछले 14 साल से अटका पड़ा है। 1996 में महिला आरक्षण विधेयक को एच. डी. देवेगौड़ा सरकार ने पहली बार संसद में पेश किया था। महिला आरक्षण विधेयक 2008 के मौजूदा स्वरूप को कांग्रेस, भाजपा और वामदलों का समर्थन है, जबकि सपा, राजद और जद (यू) चाहते हैं कि बिल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को अलग से आरक्षण मिले। विधेयक 50 फीसदी सांसदों का समर्थन जरूरी है। सोनिया ने आज कहा कि इस साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का शताब्दी वर्ष है। इस दिन ये ऐतिहासिक विधेयक पारित कराना देश की महिलाओं के लिए शानदार उपहार होगा। सीपीपी की बैठक में उन्होंने नाराज होते हुए संसद में अनुपस्थित रहने वाले पार्टी सांसदों की भी खबर ली। यह भी कहा कि संसद में कांग्रेस सांसदों की कम उपस्थिति ठीक नहीं। फिलहाल, महिला आरक्षण बिल को लेकर जैसे आसार सदन में दिखते हैं, निःसंदेह उसका पारित हो जाना तय है, कुछ विपक्षी दल चाहे जितना हंगामा करें। इस तरह कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साधने का इंतजाम कर चुकी है। महंगाई मुद्दे को नेपथ्य और आरक्षण बिल पर महिलाओं की सहानुभूति। शुक्रवार का दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर वह धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब संसद के दोनों सदनों में देंगे। लोकसभा में सिंह प्रश्नकाल के तुरंत बाद जवाब देंगे जबकि राज्यसभा में वह शाम पांच बजे ऐसा करेंगे।

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